भारतीय मूल की अरबपति व्यवसायी वसुंधरा ओसवाल ने हाल ही में अपने युगांडा जेल में बिताए कठिन दिनों का अनुभव साझा किया है। एक झूठे आरोप में गिरफ्तार होने के बाद, उन्होंने तीन सप्ताह तक यातनाओं और मानवाधिकार हनन का सामना किया। उनके अनुसार, उन्हें बिना किसी अपराध के कैद में रखा गया और अमानवीय परिस्थितियों में रहना पड़ा।
वसुंधरा ओसवाल का परिचय
वसुंधरा ओसवाल अरबपति व्यवसायी पंकज और राधिका ओसवाल की बेटी हैं। उनके पिता ओसवाल ग्रुप ग्लोबल के संस्थापक हैं। वसुंधरा दुनिया के सबसे महंगे घरों में से एक, विला वारी में रहती हैं, जिसकी कीमत 200 मिलियन डॉलर से अधिक बताई जाती है और यह स्विट्ज़रलैंड में माउंट ब्लैंक के सामने स्थित है। इस आलीशान घर को प्रसिद्ध इंटीरियर डिज़ाइनर जेफ़री विल्क्स ने डिज़ाइन किया था।
स्विट्ज़रलैंड के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से वित्त में ऑनर्स के साथ स्नातक करने के बाद, वसुंधरा ने 2020 में पीआरओ इंडस्ट्रीज के बोर्ड में कदम रखा और वहां पहली महिला लीड बनीं। वर्तमान में वह पीआरओ इंडस्ट्रीज की कार्यकारी निदेशक (वित्त) के रूप में कार्यरत हैं। इसके अलावा, वह गिनी में स्थित सबसे बड़ी बॉक्साइट खनन परियोजनाओं में से एक, एक्सिस मिनरल्स की महानिदेशक भी हैं।
झूठे आरोप और गिरफ्तारी
पिछले साल, वसुंधरा पर उनके पिता के एक पूर्व कर्मचारी, मुकेश मेनारिया के अपहरण और हत्या का आरोप लगाया गया था। यह आरोप बाद में झूठा साबित हुआ जब मुकेश मेनारिया तंजानिया में जीवित पाए गए। इसके बावजूद, वसुंधरा को गिरफ्तार कर युगांडा की जेल में रखा गया।
अमानवीय व्यवहार और मानवाधिकारों का हनन
वसुंधरा ने अपने जेल में बिताए दिनों का वर्णन करते हुए बताया कि उन्हें न तो भोजन दिया गया, न ही पीने का पानी। पांच दिनों तक हिरासत में रखने के बाद, उन्हें दो सप्ताह तक जेल में रखा गया। उनके माता-पिता को वकीलों के माध्यम से पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देकर उन्हें आवश्यक चीजें उपलब्ध करानी पड़ीं।
उन्होंने कहा, “मुझे नहाने तक की अनुमति नहीं दी गई, और शौचालय जाने तक की इजाजत नहीं थी। एक बार, एक पुरुष अधिकारी ने जबरन मुझे उठाकर वैन में पटक दिया। जब मैंने वारंट दिखाने को कहा, तो अधिकारियों ने जवाब दिया – ‘यह युगांडा है, यहां हम जो चाहें कर सकते हैं, आप यूरोप में नहीं हैं।'”
जमानत और भविष्य की योजना
वसुंधरा को 1 अक्टूबर 2024 को गिरफ्तार किया गया था और 21 अक्टूबर को जमानत मिली। उन्होंने बताया कि पुलिस ने बिना वारंट के उनके घर की तलाशी ली और उन्हें जबरदस्ती गिरफ्तार कर इंटरपोल कार्यालय ले गई।
अब जेल से बाहर आने के बाद, वसुंधरा इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की योजना बना रही हैं। उनका इरादा मानवाधिकार संगठनों से अपील करने का है, ताकि निर्दोष लोगों के साथ ऐसा अन्याय दोबारा न हो। उनका मानना है कि इस तरह की घटनाओं के खिलाफ कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।