रायपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में दबिश दी। इस दौरान ईडी के चार अधिकारियों ने कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री (संगठन) मलकीत सिंह गैदू से मुलाकात कर उन्हें समन सौंपा। यह कार्रवाई नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में बने कांग्रेस कार्यालय (राजीव भवन) के निर्माण से जुड़े वित्तीय लेन-देन को लेकर की गई है।
ईडी ने मांगी वित्तीय जानकारी
सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने कांग्रेस के प्रभारी महासचिव मलकीत गैदू से चार प्रमुख बिंदुओं पर जानकारी मांगी है—
- सुकमा जिले के कांग्रेस कार्यालय के निर्माण के लिए धन कहां से आया?
- क्या निर्माण के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) से धन जारी किया गया था?
- यदि हां, तो यह राशि कब और किस माध्यम से दी गई?
- क्या इस धन के स्रोत की पूरी जानकारी उपलब्ध है?
ईडी को संतोषजनक जवाब न मिलने की स्थिति में सुकमा के राजीव भवन और कांग्रेस नेता हरीश कवासी के मकान को कुर्क किया जा सकता है।
शराब घोटाले से जुड़ी जांच का भी असर
बता दें कि 28 दिसंबर को ईडी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के रायपुर स्थित निवास पर छापा मारा था। इस दौरान उनकी गाड़ियों और दस्तावेजों की तलाशी ली गई थी। इसके अलावा उनके करीबी सुशील ओझा, हरीश लखमा और राजू साहू के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई थी।
ईडी की कार्रवाई के बाद कवासी लखमा ने कहा था, “मैं अनपढ़ हूं, अधिकारी जहां साइन करने को कहते थे, मैं कर देता था। मुझे नहीं पता कि कोई घोटाला हुआ है या नहीं। गरीब आदिवासी को फंसाया जा रहा है।” ईडी ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था और उनसे लगातार दो बार 8-8 घंटे की पूछताछ की गई थी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
ईडी की छापेमारी को लेकर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा, “ईडी वहां छापा मार रही है, जहां भ्रष्टाचार हुआ है। कानून किसी के लिए छोटा नहीं है। पूरे छत्तीसगढ़ को शराब घोटाले की सच्चाई पता है। भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा जाना चाहिए।”
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताते हुए कहा, “हमने जन सहयोग से कांग्रेस कार्यालय बनाया है और इसका पूरा हिसाब देंगे। ईडी को हिम्मत है तो बीजेपी के कुशाभाऊ ठाकरे परिसर और आरएसएस के 500 करोड़ के दफ्तर की भी जांच करे।”
ईडी की यह छापेमारी कांग्रेस के लिए एक बड़ी राजनीतिक चुनौती बन सकती है। यदि सुकमा के कांग्रेस कार्यालय के निर्माण को लेकर वित्तीय अनियमितताओं के प्रमाण मिलते हैं, तो आगे की कार्रवाई और तेज हो सकती है।