शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी, संतोषी माता और शुक्र ग्रह के पूजन के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से आर्थिक समृद्धि, सुख-शांति और वैवाहिक जीवन में सुख की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि शुक्रवार को किन देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए और इसके लाभ क्या हैं।
माता लक्ष्मी की पूजा
माता लक्ष्मी धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। शुक्रवार को उनकी पूजा करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
पूजन विधि:
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- माता लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीप जलाएं।
- गुलाबी या सफेद वस्त्र पहनकर पूजा करना शुभ माना जाता है।
- कमल के फूल, खीर, मिश्री और दूध से बनी मिठाइयों का भोग लगाएं।
- श्रीसूक्त और लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें।
- लक्ष्मी मंत्र “ॐ महालक्ष्म्यै नमः” का जाप करें।
- घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि माता लक्ष्मी स्वच्छता प्रिय होती हैं।
संतोषी माता की पूजा
संतोषी माता को सुख-शांति और संतोष की देवी माना जाता है। शुक्रवार का व्रत करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और परिवार में प्रेम और एकता बनी रहती है।
पूजन विधि:
- उपवास रखने वाले व्यक्ति को खट्टा भोजन नहीं करना चाहिए।
- संतोषी माता की कथा सुननी चाहिए।
- पूजा के दौरान गुड़ और चने का भोग अर्पित करें।
- इस दिन जरूरतमंदों को दान देना शुभ माना जाता है।
शुक्र ग्रह की पूजा
शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, सौंदर्य, प्रेम और वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है। यदि किसी की कुंडली में शुक्र ग्रह अशुभ स्थिति में हो, तो शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की पूजा करना लाभकारी होता है।
पूजन विधि:
- सफेद कपड़े पहनें और सफेद पुष्प अर्पित करें।
- चंदन, केसर, चावल और सफेद मिठाइयों का भोग लगाएं।
- शुक्र मंत्र “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” का 108 बार जाप करें।
- जरूरतमंदों को सफेद चीजों (चावल, दूध, मिश्री) का दान करें।
शुक्रवार व्रत के लाभ
- धन, ऐश्वर्य और वैवाहिक सुख में वृद्धि होती है।
- व्यापार और करियर में उन्नति होती है।
- पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
- शुक्र ग्रह से जुड़े दोष दूर होते हैं।
शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी, संतोषी माता और शुक्र ग्रह की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और जीवन की समस्याओं का समाधान होता है। जो लोग आर्थिक संकट, वैवाहिक समस्याओं या भौतिक सुखों में कमी का सामना कर रहे हैं, उन्हें इस दिन विशेष रूप से पूजा और व्रत करना चाहिए।