डेस्क:गंगाजल को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे के विवादित बयान के बाद सियासी घमासान मच गया है। उनपर हमला करते हुए बीजेपी के मंत्री और विधायक नितेश राणे ने कहा, नदी को शुद्ध करना चाहिए उस बारे में उनका मतभेद ठीक है। उन्हें कम जानकारी होगी कि किस तरह से नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने शुद्धीकरण किया है। उसके बारे में उनको अधूरी जानकारी है। उन्होंने कहा, हिंदू धर्म का अपमान करने का अधिकार किसी को नहीं है। मैं खुद भी महाकुंभ में गया हूं। मेरी मां भी मेरे साथ थी। तब से लेकर अब तक मुझे तो कुछ नहीं हुआ।
राणे ने कहा,इसी तरीके का प्रश्न कभी उन्हें बकरीद के बारे में पूछते मैंने नहीं देखा। बकरीद के वक्त बहुत सारा खून नदी और पानी में चला जाता है। उसके बारे में कोई बोलने की हिम्म क्यो नहीं करता। सारा का सारा प्रश्न हिंदू धर्म के बारे में क्यों पूछा जाता है। इस समय रोजा है कभी आप मोहम्मद अली रोड पर जाकर देखो क्या माहौल है। किस तरह की गंदगी है। उद्धव ठाकरे की बात का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, उद्धव को अल्ला हु अकबर बोलना कम करना चाहिए तभी उन्हें बात समझ में आएगी। हम जय श्री राम के साथ ही जय भवानी भी बोलते हैं।
एक दिन पहले ही राज ठाकरे ने ठाकरे ने मनसे की स्थापना के 19 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में महाकुंभ और गंगा की शुद्धता पर सवाल उठाए थे। मनसे प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी के नेता बाला नंदगांवकर महाकुंभ से पवित्र जल लेकर आए थे, लेकिन उन्होंने इसे पीने से इनकार कर दिया। राज ठाकरे ने कहा, ‘मैंने गंगा नदी की स्थिति के बारे में सोशल मीडिया पर कई वीडियो देखे हैं। मैंने कुछ लोगों को नदी में अपना शरीर खुजलाते और स्नान करते भी देखा।’
उन्होंने दावा किया कि कोई भी नदी साफ नहीं है। ठाकरे ने कहा, ‘जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से ही मैं यह दावा सुनता आ रहा हूं कि गंगा जल्द ही साफ हो जाएगी। अब इस मिथक से बाहर आने का समय आ गया है।’ ठाकरे ने पूछा की कि यदि लाखों लोग गोदावरी नदी में पवित्र डुबकी लगाएंगे तो क्या कोई उसका पानी पीएगा। ठाकरे की महाकुंभ पर की गई टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए महाजन ने कहा कि शास्त्रों के आधार पर इस विशाल समागम का आयोजन किया गया है और इसका वैज्ञानिक कारण भी है।