डेस्क:ईसाई प्रचारक द्वारा केरल के इडुक्की जिले में सरकारी जमीन कब्जाने की कोशिश नाकाम साबित हुई। केरल राजस्व विभाग ने मंगलवार को एक अवैध रिसॉर्ट के सामने लगाए गए क्रॉस को हटा दिया। इसे स्वयंभू चंगाई प्रचारक सजीथ जोसेफ ने सरकारी भूमि पर स्थापित किया था। जोसेफ पर आरोप है कि उन्होंने यह क्रॉस इसलिए लगाया था ताकि उनके रिसॉर्ट को गिराने की कार्रवाई रोकी जा सके। बता दें कि “चंगाई प्रचारक” का मतलब उन लोगों से है जो बीमार लोगों को ठीक करने या उन्हें चंगा करने के लिए प्रचार और प्रार्थना करते हैं।
इडुक्की जिले के परुंथुमपारा पहाड़ी क्षेत्र में सरकारी भूमि पर बने इस अवैध रिसॉर्ट को गिराने का आदेश जिला प्रशासन ने दिया था। इसी आदेश के बाद, जोसेफ ने वहां क्रॉस खड़ा कर दिया था। राजस्व मंत्री के. राजन ने कहा कि सरकार सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने बताया, “इस मामले की जांच के लिए 15 सदस्यीय टीम को नियुक्त किया गया है। यह क्रॉस उस समय लगाया गया, जब इलाके में निषेधाज्ञा लागू थी। इस आदेश की अवहेलना करने के आरोप में सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एक सप्ताह के भीतर जमीन की जांच पूरी कर ली जाएगी।”
इससे पहले, केरल हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त एक विशेष जांच दल ने पाया था कि सजीथ जोसेफ ने 3.31 एकड़ सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर उस पर अवैध रूप से कई इमारतें बनाई थीं। पिछले महीने, जिला प्रशासन ने इन अवैध इमारतों को गिराने का आदेश दिया था और सभी निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए एक नोटिस जारी किया था। लेकिन इसके तुरंत बाद, जोसेफ ने रिसॉर्ट के सामने क्रॉस स्थापित कर दिया, ताकि प्रशासनिक कार्रवाई को धार्मिक आस्था का मुद्दा बनाकर रोका जा सके। जोसेफ ने क्रॉस लगाकर इसे धार्मिक रंग देने की कोशिश की।
इडुक्की जिले में धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल कर अवैध अतिक्रमण बचाने का यह पहला मामला नहीं है। 2017 में, चिन्नाकनाल गांव में ‘स्पिरिट इन जीसस’ नामक समूह द्वारा 30 एकड़ सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया गया था। वहां भी एक क्रॉस और दो प्रार्थना हॉल बनाए गए थे। हालांकि, बाद में राजस्व अधिकारियों ने इन्हें गिरा दिया था।
सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति पर प्रशासन सख्त कार्रवाई कर रहा है। इडुक्की जिला प्रशासन ने साफ किया है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और सरकारी भूमि को जल्द से जल्द खाली कराया जाएगा।