डेस्क:चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत के बाद इंदौर के महू में बवाल करने वालों पर पुलिस ऐक्शन तेज हो चुका है। जामा मस्जिद के सामने पथराव और आगजनी के मामले में पुलिस 8 केस दर्ज कर चुकी है। 150 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगालने के बाद 50 लोगों को चिह्नित किया गया है और इन्हें नामजद आरोपी बनाया गया है। 10 लोगों को जेल भेजने के साथ 2 के खिलाफ रासुका की गई है।
संवेदनशील क्षेत्रों में अभी भी भारी पुलिसबल तैनात है। अलग-अलग इलाकों में पुलिस ड्रोन से नजर रख रही है। ऊंची इमारतों और छोटे घरों की छतों की भी जांच की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सोमवार को चार केस दर्ज किए गए। इसके बाद मंगलवार को भी चार केस और दर्ज हुए। एक केस महू थाने के एसआई मोहित तोमर ने दर्ज कराया है। एसआई मोहित ने बताया कि पत्ती बाजार में शीतला माता मंदिर के पास वह ड्यूटी पर थे। उन्होंने जुलूस पर पथराव कर रहे लोगों को मना किया तो उन पर ही पत्थर बरसने लगे।
उपद्रवियों ने आरक्षक वीरेंद्र सिंह और आरक्षक नरेंद्र सिंह की बाइक में आग लगा दी। उधर, एक केस में फरियादी अर्थव यादव निवासी न्यापुरा सुतारखेड़ी गुजरखेड़ा ने बताया कि वह रात को पिता अमित यादव के साथ बाइक से एक दुकान पर दूध पीने जा रहा था। अचानक भीड़ ने घेर लिया। पिताजी की टीशर्ट पकड़कर नीचे गिरा दिया। धमकाकर बोले कि पहले ही समझाया था कि जीत का जश्न मनाने सड़कों पर मत उतरना, अंजाम बुरा होगा। इतना कहकर भीड़ ने उसे और उसके पिता पर डंडे से हमला कर दिया। बाइक में भी तोडफोड़ की और भाग गए।
महू पुलिस के अनुसार जांच टीम ने अब तक 150 सीसीटीवी के फुटेज देखकर 50 से ज्यादा आरोपियों की पहचान कर उन्हें नामजद आरोपी बनाया है। अन्य आरोपियों की भी पहचान की जा रही है। बीएनएसएस की धारा 170, 126,135 (3) के तहत 10 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। उधर, कलेक्टर आशीष सिंह ने उपद्रव में शामिल दो पर रासुका लगाई है। आरोपी सोहेल कुरैशी निवासी बतख मोहल्ला महू और एजाज खान निवासी कंचन विहार खान कालोनी है।
पुलिस प्रशासन ने भी महू में उपद्रव को लेकर घटनाक्रम के वीडियो उपलब्ध कराने की अपील की है। वीडियो भेजने वाले की जानकारी गुप्त रखने का कहते हुए वॉट्सऐप नंबर 7587630766 जारी किया है। मंगलवार को सर्व हिंदू समाज के पंडित कपिल शर्मा, अधिवक्ता विक्रम दुबे ने प्रेसवार्ता में कहा कि जिन पर भी केस दर्ज हुआ है सभी पर रासुका हो। मौलाना मस्जिद पर पटाखा फोड़े जाने के बाद विवाद की बात कह रहे हैं, लेकिन प्रमाण नहीं दिया। कई वीडियो सामने आए हैं जिसमें मस्जिद से निकली भीड़ ने जुलूस निकल रहे लोगों पर हमला किया। मौलाना की भूमिका की भी जांच होना चाहिए।
गौरतलब है कि 9 मार्च की रात भारत-न्यूजीलैंड मैच के बाद हुई भारत की जीत पर जुलूस निकाल रहे लोगों पर महू में जामा मस्जिद के बाहर हमला हो गया था। इसके बाद पथराव, वाहनों, दुकानों में आजगनी और तोडफोड़ की गई। पुलिस ने मोर्चा संभाला। आंशु गैस के गोले छोड़े। दो से तीन घंटे में स्थिति नियंत्रित हुई।