डेस्क:सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है, जहां MCX पर यह ₹87,866 प्रति 10 ग्राम और अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग $3,000 प्रति औंस के करीब पहुंच गया है। इस तेजी के पीछे वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, भू-राजनीतिक तनाव और केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की बढ़ती खरीद मुख्य कारण हैं।
सोने की कीमतों में उछाल के पीछे प्रमुख कारण
1. ट्रेड वॉर और टैरिफ अनिश्चितता
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बढ़ा दी है। वहीं, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा यूरोपीय शराब पर 200% टैरिफ लगाने की धमकी से आर्थिक अस्थिरता और बढ़ गई है, जिससे निवेशकों का रुझान सुरक्षित निवेश यानी सोने की ओर बढ़ा है।
2. केंद्रीय बैंकों की सोने की बढ़ती खरीद
2024 में कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने अपने सोने के भंडार में भारी वृद्धि की है। रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों के चलते रूस सहित पोलैंड, तुर्की और भारत जैसे देशों ने सोने की खरीदारी बढ़ाई है। 2025 में भी यह प्रवृत्ति जारी रहने की संभावना है।
3. फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती
2025 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा कम से कम तीन बार ब्याज दरों में कटौती किए जाने की संभावना है। कम ब्याज दरों के चलते निवेशक बॉन्ड और अन्य संपत्तियों की बजाय सोने में निवेश को प्राथमिकता दे सकते हैं।
4. कमजोर अमेरिकी डॉलर
डॉलर इंडेक्स 104 के नीचे गिर गया है, और 10-वर्षीय ट्रेजरी यील्ड 4.27% तक लुढ़क गई है, जिससे सोना अधिक आकर्षक विकल्प बन गया है। डॉलर की कमजोरी से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
5. भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अस्थिरता
रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिका-चीन व्यापार विवाद के चलते निवेशक सुरक्षित संपत्तियों में निवेश कर रहे हैं। इसी कारण से सोने की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है।
6. मुद्रास्फीति का प्रभाव
हालांकि अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) 2.8% तक गिर गया है, लेकिन टैरिफ नीतियों और मौद्रिक सहजता (monetary easing) के कारण मुद्रास्फीति का दबाव बना रह सकता है। ऐसे में सोने को मुद्रास्फीति के खिलाफ एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।
7. शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव
निफ्टी, डॉव जोन्स, एसएंडपी 500 और नैस्डैक जैसे प्रमुख शेयर बाजारों में गिरावट के चलते निवेशकों का झुकाव सोने की ओर बढ़ा है। निवेशक बाजार की अस्थिरता से बचने के लिए सोने में निवेश कर रहे हैं।
क्या सोने के दाम ₹92,000 तक जा सकते हैं?
केडिया कमोडिटीज के प्रेसीडेंट अजय केडिया के अनुसार, 2025 में MCX पर सोने की कीमत ₹92,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है। हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों, व्यापार युद्ध की स्थिति और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के आधार पर सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव संभव है।
क्या सोने की कीमतों में गिरावट आ सकती है?
हालांकि सोने की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, लेकिन कुछ कारक इनकी तेजी को रोक सकते हैं—
- ट्रेड वॉर का समाधान: अगर अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौता हो जाता है, तो सोने की मांग में गिरावट आ सकती है।
- अमेरिकी डॉलर की मजबूती: यदि डॉलर इंडेक्स 105 से ऊपर चला जाता है और ट्रेजरी यील्ड 4.5% से ऊपर पहुंचती है, तो सोने की कीमतों पर दबाव बन सकता है।
- फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती में देरी: अगर मुद्रास्फीति नियंत्रण में नहीं आती, तो फेड ब्याज दरों को ऊंचा रख सकता है, जिससे सोने की आकर्षण घट सकता है।
निष्कर्ष
वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक अस्थिरता के चलते सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रही हैं। निवेशकों की निगाहें अब फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति, अमेरिकी डॉलर की स्थिति और व्यापार युद्ध के घटनाक्रमों पर टिकी हैं। अगर आर्थिक अनिश्चितता बनी रही, तो सोना नए रिकॉर्ड बना सकता है, जबकि स्थिरता आने पर कीमतों में कुछ गिरावट देखने को मिल सकती है।