नई दिल्ली: राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार नई ई-वाहन नीति 2.0 लाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई में बनाई जा रही इस नीति के तहत अगर किसी परिवार के पास पहले से दो निजी वाहन हैं और तीसरा वाहन खरीदना है, तो उसे इलेक्ट्रिक वाहन ही खरीदना होगा।
2027 तक 95% नए वाहन होंगे इलेक्ट्रिक
नई नीति के तहत 2027 तक 95% नए वाहनों को इलेक्ट्रिक बनाने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही 2030 से सीएनजी ऑटो का पंजीकरण पूरी तरह बंद कर केवल ई-ऑटो को ही मंजूरी दी जाएगी। नीति को सफल बनाने के लिए ई-वाहन खरीद पर छूट देने की योजना भी बनाई जा रही है।
पुराने वाहनों के लिए रेट्रोफिटिंग का विकल्प
नई नीति के तहत पुराने पेट्रोल-डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक में रेट्रोफिटिंग करने की अनुमति होगी, जिससे वे दिल्ली की सड़कों पर चल सकेंगे। वहीं, कॉमर्शियल वाहनों के लिए ई-वाहन अनिवार्य किए जाएंगे।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मिलेगा बढ़ावा
ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली में चार्जिंग स्टेशनों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। प्रमुख सड़कों पर चार्जिंग स्टेशन कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे, जिससे ई-वाहन उपयोगकर्ताओं को सुविधा मिल सके।
2020 में आई थी पहली ई-वाहन नीति
दिल्ली में पहली ई-वाहन नीति अगस्त 2020 में लाई गई थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने ई-वाहन खरीद पर सब्सिडी और अन्य छूट देने की घोषणा की थी। अब भाजपा सरकार नई नीति लाकर इलेक्ट्रिक वाहनों को और अधिक बढ़ावा देने की योजना बना रही है।