बच्चों के अंदर गुड कम्यूनिकेशन स्किल डेवलप करना जरूरी होता है। जिससे कि उनके अंदर सोशल स्किल बनें। खुद के मन में चल रही बातों को एक्सप्रेस करने के साथ ही फ्रेंड्स बनाना और लोगों से बातचीत करने की नॉलेज देना बचपन से ही जरूरी है। जिससे कि बड़े होकर वो किसी भी अनजान इंसान से बात करने में खुद को अनकंफर्टेबल ना फील करें और ना ही कॉन्फिडेंस की कमी हो। जान लें कैसे बच्चों के अंदर बातचीत करने की स्किल डेवलप करने में पैरेंट्स हेल्प करें।
बच्चों की कम्यूनिकेशन स्किल सुधारनी है तो सबसे पहले पैरेंट्स को बच्चों से बात करनी होगी। अलग-अलग टॉपिक पर बच्चों के साथ बात करें। फेवरेट बुक्स से लेकर हॉबीज और यहां तक कि देश-दुनिया के टॉपिक पर भी बच्चों के साथ बात करें। इससे बच्चों के अंदर बोलने और बातचीत करने का कॉन्फिडेंस बढ़ता है।
बच्चों से बातचीत बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका उनके स्कूल और हॉबी क्लासेज के बारे में बातचीत करना है। उनसे पूछें कि आज दिनभर क्या हुआ। उन्होंने क्या सीखा, क्या मस्ती की। ऐसा पूछने से बच्चे खुद की बातों को अच्छी तरह से बोल पाते हैं, रिएक्ट कर पाते हैं और मन की फीलिंग्स को भी बता पाते हैं।
किसी भी दूसरी स्किल की तरह बातचीत के लिए भी रोज प्रैक्टिस करनी पड़ती है। बच्चे से हर दिन बात करें और बहुत थोड़े शब्दों में जवाब ना दें। इससे बच्चे ज्यादा शब्दों के जरिए बोलना सीख पाएंगे।
बच्चे के अंदर कम्यूनिकेशन स्किल डेवलप हो इसके लिए साथ में बुक्स पढ़ें। जिससे उसकी वर्ड पावर बढ़े और वो उन शब्दों को यूज करना सीख पाए। इससे बच्चों