डेस्क:नए फाइनेंशियल ईयर में कई ऐसे नियम लागू होंगे, जो बजट में लागू हुए थे। बीते एक फरवरी को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों के हित में भी कई बड़े ऐलान किए थे। इनमें से एक ऐलान- किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) का है। किसान क्रेडिट कार्ड से लोन की लिमिट को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है।
बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड एक बैंकिंग उत्पाद है जो किसानों को बीज, उर्वरक और कीटनाशक जैसी कृषि वस्तुएं खरीदने में मददगार है। इसके साथ ही फसल उत्पादन और इससे जुड़ी गतिविधियों से संबंधित नकदी जरूरतों को पूरा करने के लिए समय पर और किफायती क्रेडिट प्रदान करता है। 2019 में केसीसी योजना को पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन से जुड़ी गतिविधियों की कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को कवर करने के लिए विस्तारित किया गया था।
बता दें कि चालू किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) खातों के तहत राशि 31 दिसंबर, 2024 तक 10 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है। इससे 7.72 करोड़ किसानों को फायदा हुआ है। मार्च, 2014 में चालू केसीसी की राशि 4.26 लाख करोड़ रुपये थी।
बीते एक फरवरी को पेश बजट में सरकार ने कृषि क्षेत्र के बजट में कटौती की थी। केंद्र सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि मंत्रालय का बजट आवंटन 2.75 प्रतिशत घटाकर 1.37 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि, इस कमी की भरपाई संबद्ध क्षेत्रों के लिए बढ़े हुए आवंटन से हुई है, जिसमें मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के लिए आवंटन को 37 प्रतिशत बढ़ाकर 7,544 करोड़ रुपये और खाद्य प्रसंस्करण के लिए आवंटन को 56 प्रतिशत बढ़ाकर 4,364 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है।
कृषि, संबद्ध क्षेत्रों और खाद्य प्रसंस्करण के लिए कुल बजट आवंटन वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपये आंका गया है। नई योजनाओं के लिए आवंटन विस्तृत होने के बाद इसके चालू वर्ष के संशोधित अनुमान 1.47 लाख करोड़ रुपये को पार करने की उम्मीद है।