नई दिल्ली :जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई। हर कोई इस घटना से आक्रोश में है और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है। इस बीच आरएसएस चीफ मोहन भागवत का बयान लामने आया है। उन्होंने कहा है हमारी अहिंसा लोगों को बदलने के लिए है लेकिन कुछ लोग कभी नहीं बदलेंगे। उन्होंने कहा, गुंडों को सबक सिखाना हमारा धर्म है।
दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में मोहन भागत ने कहा अहिंसा हमारा स्वभाव है, हमारा मूल्य है। हमारी अहिंसा लोगों को बदलने के लिए है लेकिन कुछ लोग नहीं बदलेंगे, चाहे कुछ भी करो। वे दुनिया को परेशान करते रहेंगे, तो क्या करें?
उन्होंने कहा, रावण का भी जब वध हुआ तो उनके कल्याण के लिए ही हुआ। रावण को अच्छा आदमी बनने के लिए जो चाहिए वो सब था लेकिन उसने जिस शरीर मन बुद्धि का चुनाव किया उससे वह अच्छा बन ही नहीं सकता था। इसका एक ही उपाय है कि इस शरीर मन बुद्धि को त्याग कर दूसरी शरीर मन बुद्धि स्वीकार करना। ऐसे में भगवान ने उसका संहार किया। इसे हिंसा नहीं अहिंसा ही कहते हैं।
उन्होंने आगे कहा, अहिंसा हमारा धर्म है। गुंडों को सबक सिखाना भी हमारा धर्म है। हम अपने पड़ोसियों का कभी अपमान या नुकसान नहीं करते। लेकिन फिर भी, अगर कोई बुराई पर उतर आए, तो दूसरा इलाज क्या है? राजा का कर्तव्य प्रजा की रक्षा करना है, राजा को अपना कर्तव्य निभाना चाहिए। मोहन भागवत ने कहा, गीता में अहिंसा का उपदेश है। अहिंसा का ये उपदेश इसलिए दिया ताकी अर्जुन लड़े और मारे। उसके सामने ऐसे लोग थे जिनके पास भी दूसरा विकल्प नहीं था।
22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले को लेकर कई खौफनाक बातें सामने आई हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकियों ने लोगों का धर्म पूछकर उन्हें गोली मारी। इतना ही नहीं उनसे कलमा भी पढ़ने को कहा। जिसने कलमा पढ़ लिया, उसे छोड़ दिया और जो नहीं पढ़ पाया उसे मार दिया।