डेस्क:पहलगाम हमले के बाद पंजाब से लगती भारत-पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बीएसएफ ने निगरानी कड़ी कर दी है और अमृतसर, फिरोजपुर, गुरदासपुर और पठानकोट जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। भारत-पाक तनाव के बीच बीएसएफ ने सीमावर्ती किसानों को आदेश दिया है कि वे तारबंदी के पार बोई गई गेहूं की फसल को 48 घंटे के भीतर काट लें और खेत खाली कर दें।
गुरुद्वारों से भी अनाउंसमेंट कर किसानों को सूचित किया जा रहा है कि समयसीमा के भीतर फसल नहीं काटने पर गेट पूरी तरह बंद कर दिए जाएंगे। बीएसएफ के आदेश के बाद किसान तेजी से कंबाइन मशीनों के जरिए कटाई में जुट गए हैं।
सीमा पर हलचल दिखते ही फायरिंग के आदेश
पठानकोट से लेकर फाजिल्का तक 553 किलोमीटर लंबी सीमा पर सेना की गतिविधियां अचानक तेज हो गई हैं। बीएसएफ ने सीमावर्ती गांवों में गश्त बढ़ा दी है और गांववासियों से किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने को कहा है। साथ ही गांव वालों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। बीएसएफ ने अपनी क्विक रिएक्शन टीमों को सक्रिय कर दिया है और आदेश जारी किए हैं कि सीमा पर किसी भी संदिग्ध हलचल पर तुरंत फायरिंग की जाएगी।
सरहदी गांवों को खाली कराए जाने की आशंका
फिरोजपुर जिले के कालू वाला गांव, जो तीन तरफ से सतलुज नदी से घिरा है और एक ओर पाकिस्तान से सटा है, वहां के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर बार भारत-पाक तनाव बढ़ने पर सबसे पहले इस गांव को खाली कराया जाता है। किसानों को निर्देश दिया गया है कि वे सीमापार बोई गई फसलों की जल्द कटाई करें। ऐसी स्थिति में सरहदी गांवों को भी खाली कराए जाने की संभावना जताई जा रही है।
कृषि कार्यों के लिए विशेष परमिट की व्यवस्था
पंजाब की सीमा से सटे गांवों में किसानों को विशेष परमिट के तहत खेती करने की अनुमति दी जाती है। फसल बोने और काटने के दौरान बीएसएफ के जवान सुरक्षा में तैनात रहते हैं। सीमापार कंटीली तार जीरो लाइन से काफी पहले लगी है, जबकि जीरो लाइन पर केवल चिन्हित पिलर लगे हुए हैं।