• Latest
  • Trending
  • All
  • बिजनेस
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था: कर्ज़ से भारी, बातें हल्की!

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था: कर्ज़ से भारी, बातें हल्की!

May 7, 2025
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया

बेंगलुरु भगदड़: 35 हजार की जगह पहुँचे 3 लाख लोग, मुख्यमंत्री ने दी सफाई

June 4, 2025
राहुल गांधी

सैनिकों की पिटाई वाले बयान पर राहुल को फटकार

June 4, 2025
इंदौर रिश्वत विवाद में इमारत विस्फोट: जांच का आदेश

इंदौर रिश्वत विवाद में इमारत विस्फोट: जांच का आदेश

June 4, 2025
जीतनराम मांझी

संपत्ति बचाने का खेल” – मांझी ने खोली लालू परिवार की पोल!

June 4, 2025
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार: लोकसभा में हस्तक्षेप की मांग

मॉनसून सत्र 2025: पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का मंच

June 4, 2025
संजय राउत

संजय राउत का वार-पलटवार: संसद सत्र की मांग

June 4, 2025
भारत का बड़ा पलटवार: ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को भारी नुकसान

भारत का बड़ा पलटवार: ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को भारी नुकसान

June 4, 2025
आचार्यश्री

जब तक शरीर सक्षम, कर लें धर्म का समाचरण : शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमण

June 4, 2025
गजवा-ए-हिंद का अंतिम भाषण: दिल ने भी सुनने से इनकार कर दिया

गजवा-ए-हिंद का अंतिम भाषण: दिल ने भी सुनने से इनकार कर दिया

June 4, 2025
बीएसएफ

डीआरडीओ से मदद मांगकर बीएसएफ का बड़ा कदम

June 4, 2025
सिसोदिया और जैन

स्कूल क्लासरूम घोटाले में सिसोदिया-जैन को समन

June 4, 2025
ईरान में लापता तीन भारतीय सुरक्षित रिहा, अपहरणकर्ता गिरफ्तार

ईरान में लापता तीन भारतीय सुरक्षित रिहा, अपहरणकर्ता गिरफ्तार

June 4, 2025
  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Thursday, June 5, 2025
  • Login
ON THE DOT
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
No Result
View All Result
ON THE DOT
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
No Result
View All Result
ON THE DOT
No Result
View All Result
Home ओपिनियन

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था: कर्ज़ से भारी, बातें हल्की!

ON THE DOT TEAM by ON THE DOT TEAM
May 7, 2025
in ओपिनियन, विदेश
Reading Time: 1 min read
A A
0
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था: कर्ज़ से भारी, बातें हल्की!

भारत के खिलाफ युद्ध की धौंस और गीदड़भभकियों के बावजूद पाकिस्तान की अंदरूनी स्थिति बहुत कमजोर है, और यह उसकी आर्थिक स्थिति से साफ नजर आता है। आज पाकिस्तान का कर्ज इतनी तेजी से बढ़ चुका है कि किसी भी युद्ध की स्थिति में उसे अपने आर्थिक ढांचे को संभालने में मुश्किलें आ सकती हैं। यहां हम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, शहबाज शरीफ और इमरान खान के कार्यकाल की चर्चा करेंगे और देखेंगे कि इन नेताओं ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को सुधारने के नाम पर क्या कदम उठाए और क्या नतीजे सामने आए।

पाकिस्तान का बढ़ता कर्ज

पाकिस्तान के पास आज इतना भारी कर्ज है कि युद्ध जैसी स्थिति में यह देश आर्थिक संकट से जूझने के अलावा ज्यादा समय तक टिक नहीं पाएगा। ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा के अनुसार, दिसंबर 2024 तक पाकिस्तान पर लगभग $131 बिलियन का बाहरी कर्ज है, जो देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का करीब 35% है। यह कर्ज पाकिस्तान के तीन प्रमुख नेताओं—नवाज शरीफ, इमरान खान और शहबाज शरीफ—के शासनकाल में कई गुना बढ़ा है।

नवाज शरीफ का कार्यकाल (2013-2017)

नवाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने के बाद पाकिस्तान ने कई प्रमुख देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज लिया। उनका कार्यकाल आर्थिक दृष्टि से पाकिस्तान के लिए चुनौतीपूर्ण था, खासकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के लिए कर्ज लेने के कारण। नवाज शरीफ के समय पाकिस्तान का कुल कर्ज $60.6 बिलियन तक पहुंच गया था, जिसमें IMF, चीन और अन्य देशों से लिया गया कर्ज शामिल था। उनकी नीतियों ने पाकिस्तान के आर्थिक संकट को और बढ़ाया, लेकिन उन्हें वैश्विक स्तर पर भारी कर्ज के बोझ तले दबने का सामना करना पड़ा।

इमरान खान का कार्यकाल (2018-2022)

इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और भी खराब हो गई। उनकी सरकार ने कर्ज लेने की गति को और तेज किया, खासकर IMF और सऊदी अरब से। इमरान खान ने अपने कार्यकाल में कई प्रयास किए, लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान का कर्ज $100 बिलियन तक पहुंच गया। इमरान खान की सरकार की नीतियों के कारण पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और भी बिगड़ी, जिससे उसे बाहरी मदद की जरूरत अधिक महसूस हुई।

शहबाज शरीफ का कार्यकाल (2022-2025)

शहबाज शरीफ की सरकार ने पाकिस्तान के कर्ज को स्थिर करने के लिए कई कड़े उपायों की शुरुआत की, लेकिन देश को फिर भी भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। शहबाज के प्रधानमंत्री बनने के बाद पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और गिरावट आई। उनकी सरकार को पिछले सरकारों द्वारा लिए गए कर्ज का बोझ भी ढोना पड़ा, जिसके कारण पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और कमजोर हुई। शहबाज शरीफ के कार्यकाल में पाकिस्तान का कर्ज $131 बिलियन तक पहुंच चुका है, जो देश की आर्थिक अस्थिरता को उजागर करता है।

निष्कर्ष

इन तीनों प्रमुख नेताओं ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को सुधारने के नाम पर कई कदम उठाए, लेकिन उनकी नीतियों के कारण देश की आर्थिक स्थिति और बिगड़ी। पाकिस्तान का बढ़ता हुआ कर्ज यह दर्शाता है कि देश की अर्थव्यवस्था किसी भी युद्ध या संकट की स्थिति में संभलने की स्थिति में नहीं है। अगर पाकिस्तान अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए ठोस और स्थिर नीतियां नहीं अपनाता, तो वह भविष्य में और भी बड़ी मुश्किलों का सामना कर सकता है।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending News

  • 2024 में खुलेंगे राम मंदिर के दरवाजे, 1000 साल तक कायम रहेगी भव्यता

    2024 में खुलेंगे राम मंदिर के दरवाजे, 1000 साल तक कायम रहेगी भव्यता

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • रामनवमी से पहले ही राम लला का सूर्याभिषेक देख भक्त हुए निहाल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • स्वामी चिदम्बरानन्द महाराज के अवतरण महोत्सव व सिवा ट्रस्ट वार्षिकोत्सव का आयोजन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • 24 अगस्त से फिर शुरू हो रही है रामायण सर्किट रेल यात्रा

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • भारत से विभाजन के समय पाकिस्तान में थे 20 फीसदी हिंदू, धर्मांतरण और उत्पीड़न के बाद अब कितने बचे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • बैलेंसिंग लाइफ ही जिंदगी को खुशहाल बना सकती है: रचना हिरण

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मुख्य समाचार
  • देश
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
Call us: +91 98330 26960
No Result
View All Result
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH

Copyright © 2020 ON THE DOT

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In