नागौर: मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इशारों ही इशारों में पीएम मोदी पर फिर हमला बोला है। राज्यपाल मलिक ने राजस्थान के नागौर जिले के डीडवाना कस्बे में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सात एयरपोर्ट अडानी को दे दिए हैं। बड़ी-बड़ी संस्थाएं दे दी हैं। इतना कर्जा दिलवा दिया गया है कि वो डूबा तो देश के सारे बैंक डूब जाएंगे। ग्रामोत्थान विद्यापीठ में रविवार को आयोजित रजत जयंती समारोह में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है। आंदोलन अभी है। जरूरत पड़ी तो दुबारा होगा। इस देश का किसान दोबारा लड़ेगा। इस बार की लड़ाई निर्णायक होगी। तब मैं भी रहूंगा। सब छोड़ छाड़कर। मलिक ने कहा कि बिना एमएसपी के किसानों का भला नहीं होगा। जितनी चीज किसान पैदा करता है, पिछले दस साल में उसकी कीमत कम हुई है और जितनी किसान खरीदता है, उसकी कीमतें बढी है। नतीजा यह है कि किसान की खरीदने की ताकत कम हो गई।
मलिक ने कहा कि हमें कुरीतियों को छोड़कर बालिका शिक्षा पर खर्च करना चाहिए। अनावश्यक खर्च करने व लोगों को खाना खिलाने की बजाए बालिकाओं की शिक्षा पर खर्च करें, ताकि वे बड़ी अधिकारी बन सकें। मलिक ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में समाज में महिलाओं की स्थिति मजबूत हुई है। अमेरिका में विदेश मंत्री रही डॉलर विजा रायस का उदाहरण देते हुए कहा कि दुबली-पतली और गहरे सांवले रंग की विजा रायस शक्ल सूरत में साधारण से भी नीचे थी। लेकिन अपनी पढाई के बूते पर वो अमेरिका की विदेश मंत्री बनी। मलिक ने कहा कि मैं 2200 कोस से चलकर आया हूं, मुझे जब भी किसी शैक्षणिक संस्थान में बुलाया जाता है तो मैं डायरी नहीं देखता हूं, तुरंत हां कर देता हूं। शिक्षा के उजियारे से महिला वर्ग में आई तरक्की पर बोलते हुए उन्होंने कहा मैं पांच राज्यों में गर्वनर रहा हूं, सब जगह मुझे बुलाया जाता था।
उल्लेखनीय.है कि मेघालय के राज्यपाल लगातार मोदी सरकार के खिलाफ हमला बोल रहे हैं। इससे पहले नागौर जिले के लाडनूं जाते समय झुंझुनू के बगड़ में एक होटल पर रुकने के दौरान राज्यपाल मलिक ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वे डिजर्विंग कैंडिडेट थे, इसलिए उपराष्ट्रपति बना दिया, अच्छा किया।मुझे भी इस पद के लिए इशारे थे कि आप नहीं बोलेंगे तो आपको बना दें, लेकिन मैने मना कर दिया। राज्यपाल मलिक ने कहा कि मैं किसान वर्ग के लिए हमेशा बोलता रहूंगा।