जयपुर:राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के तैयारी में जुटी बसपा को झटका लगा है। बसपा प्रदेश अध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल उठा दर्जन भर जिला कार्यकारिणी सदस्यों ने अपना इस्तीफा दे दिया है। मायावती के भतीजे आकाश आनंद की मौजूदगी में प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक में जमकर हंगामा हुआ। आक्रोशित बसपा नेताओं को बाउंसरों के मदद से पार्टी कार्यालय से बाहर निकाला गया। दरअसल, रविवार को जयपुर में बसपा की अहम मीटिंग हुई।
मीटिंग में प्रदेश प्रभारी बसपा रामजी गौतम और बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद मौजूद रहे। प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए दर्जन भर जिला कार्यकारिणी सदस्यों ने प्रदेश प्रभारी रामजी गौतम को सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि गौतम का कहना है कि इन नेताओं को पहले ही पदों से हटा दिया गया था। पूरे मामले को लेकर रविवार को प्रदेश कार्यालय में कार्यकारिणी की बैठक में जमकर हंगामा हुआ।
टिकट के बदले पैसा मांगने का आरोप
राजसंमद, झालावाड़, जोधपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ, डूंगरपुर, सिरोही, धौलपुर, जयपुर, भीलवाड़ा, भरतपुर और उदयपुर जिलों से आए त्यागपत्रों में जिला अध्यक्षों समेत विभिन्न कार्यकारिणी सदस्यों के नाम शामिल है। त्यागपत्र देने वाले नेताओं का कहना है कि उन्हें कभी किसी पद से नहीं हटाया गया है। कथित इस्तीफों में नेताओं ने बसपा प्रदेश अध्यक्ष पर पंचायत चुनावों में टिकट के बदले पैसा मांगने, मनमानी से टिकट देने और वरिष्ठ नेताओं भेदभाव करने के आरोप लगाए। इस्तीफा देने वालों में से एक जोधपुर के ग्रामीण के नेता ढलाराम लखानी ने बताया कि उन्हें पद से हटाने की बात पार्टी ने नहीं बताई। वह राष्ट्रीय संयोजक को इस्तीफा देने पहुंचे।
त्यागपत्रों में नेताओं ने लिखा- 2008 में मौजूदा पंचायत राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने पार्टी को धोखा दिया। 2008 में बाबा के इशारे पर ही उन्हें फिर से टिकट दिया और पार्टी को धोखा मिला। इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है। बसपा प्रदेश अध्यक्ष की कार्यशैली से कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर जीते 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए। इससे कार्यकर्ता नाराज थे। बसपा से नाराज नेताओं का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष पार्टी हित में काम नहीं कर रहे हैं। मनमाने फैसले ले रहे हैं। इससे पार्टी को नुकसान हो रहा है।