भोपाल:मध्य प्रदेश में निजी जमीनों पर बनी पुरानी बहुमंजिला इमारतों को तोड़ने पर सरकार ने अनोखा फैसला लिया है। प्रदेश सरकार अन ऐसी इमारतों के तोड़ने पर इंसेंटिव देगी। इससे लोगों को पुराने फ्लैट के एवज में नया फ्लैट मुफ्त मिल सकेगा। यह प्रावधान रीडेवलपमेंट पॉलिसी में किया गया है। राजधानी भोपाल में अंजली कॉम्पलेक्स, शालीमार गार्डन, जनता क्वार्टर्स, सुरेंद्र प्लेस समेत लगभग 50 से 60 अपार्टमेंट्स 30 साल से ज्यादा पुराने हैं। और यह नीति इन सभी पर लागू होगी।
दरअसल नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने रीडेवलपमेंट पॉलिसी तैयार कर ली है। फिलहाल कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह लागू होगी। इसमें शहरी क्षेत्रों में 30 साल से ज्यादा पुराने आवासीय कॉम्पलेक्स को तोड़कर नई इमारत बनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। साथ ही उन इमारतों को भी शामिल किया गया है जिन्हें नगरीय निकायों ने जर्जर घोषित किया है। जिन इलाकों में जमीन की बहुत ज्यादा है इस प्रावधान के बाद वहां लोगों को पुराने फ्लैट के स्थान पर नए फ्लैट मुफ्त या फिर मामूली प्रीमियम पर मिल सकेंगे।
गौरतलब है कि अभी सिर्फ सरकारी जमीनों के लिए पुनर्निर्माण के लिए रीडेंसिफिकेशन नीति है। लेकिन अब निजी या विकास प्राधिकरणों और हाउसिंग बोर्ड द्वारा निर्मित कॉलोनियां भी नई नीति के तहत इस दायरे में आ जाएंगी। इस नई नीति के तहत किसी भी बहुमंजिला इमारत के रीडेवलपमेंट के लिए सबसे पहले वहां रहने वाले रहवासियों की समिति की अनुमति लेनी होगी। और यह समिति अपार्टमेंट एक्ट के तहत गठित होगी।
जानकारी के अनुसार पुरानी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के स्थान पर नई इमारत के निर्माण के लिए फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) और ग्राउंड कवरेज का इंसेंटिव दिया जाएगा। इसके लिए भूमि विकास नियम और मास्टर प्लान में बदलाव कर आवासीय बिल्डिंग के लिए मौजूदा एफएआर से 0.50 और कमर्शियल बिल्डिंग के लिए 0.75 ज्यादा एफएआर दिया जाएगा। ग्राउंड कवरेज भी 30 प्रतिशत से बढ़ाकर करीब 40 प्रतिशत किया जा सकता है ताकि बिल्डर इस एफएआर का पूरा उपयोग कर सकें।
वहीं इससे अतिरिक्त एफएआर व ग्राउंड कवरेज का उपयोग नए निर्माण में किया जाएगा। बिल्डर अतिरिक्त एफएआर में जितने नए फ्लैट का निर्माण करेगा, उसे बेचकर पुराने फ्लैट को तोड़कर नए बनाए गए फ्लैट की लागत वसूलेगा। अभी यदि किसी पुरानी इमारत को तोड़ा जाए और फिर उतना ही नया निर्माण किया जाए तो पूरी लागत रहवासियों पर आती है। जबकि अतिरिक्त निर्माण की छूट मिलने से अब बिल्डर उसी जमीन पर बिल्डिंग की ऊंचाई बढ़ाकर ज्यादा फ्लैट्स बना कर दे सकता है।
बता दें कि भोपाल और इंदौर जैसे शहरों में बहुमंजिला इमारतों का चलन बढ़ रहा है। और यहां अक्सर जर्जर इमारतों को तोड़ने पर विवाद होते रहते हैं। लेकिन अब नई नीति से रहवासियों को बगैर खर्च के नए फ्लैट मिलेंगे तो आसानी से जर्जर इमारतों को तोड़ा जा सकेगा। कई पुरानी इमारतों में लिफ्ट और पार्किंग जैसी कई सुविधाएं नहीं है। और नए निर्माण में बेहतर पार्किंग, लिफ्ट जैसी कई सुविधाएं भी मिल सकेंगी