नई दिल्ली:राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों और कांग्रेस अलाकामान के बीच तनातनी जारी है। खबर है कि गहलोत ने इस मामले को लेकर पार्टी नेतृत्व से माफी मांग ली है, लेकिन कथित तौर पर गांधी परिवार राजस्थान में बने सियासी तनाव से खासा नाराज है। दरअसल, कहा जा रहा है कि राज्य में तनाव मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर है। रविवार रात करीब 80 विधायकों ने पायलट के सीएम बनने के खिलाफ एक सुर मिलाए थे।
कांग्रेस को ‘अपमानित’ करने को लेकर गांधी परिवार गहलोत से कथित तौर पर नाराज है। बताया जा रहा है कि राजस्थान सीएम ने केंद्रीय पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे से माफी मांग ली है। साथ ही उन्होंने विधायक दल की बैठक के साथ ही विधायकों की अलग मीटिंग बुलाने और उसके बाद हुई बगावत को ‘गलती’ बताया है।
खबर है कि गहलोत का कहना है, ‘ऐसा नहीं होना चाहिए था।’ साथ ही उन्होंने पूरे सियासी घटनाक्रम से पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने जानकारी दी कि खड़गे का मानना है कि गहलोत के मामले में शामिल नहीं होने के दावे के बावजूद उनकी सहमति के बगैर ऐसी बगावत नहीं हो सकती थी।
राजस्थान में कैसे फूटा सियासी बम
रविवार को गहलोत समर्थक विधायकों ने इस्तीफे की धमकी दी। साथ ही उन्होंने साफ कर दिया कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के सीएम के तौर पर स्वीकार नहीं करेंगे। ये विधायक कांग्रेस नेता खड़गे और अजय माकन की तरफ से बुलाई गई बैठक से भी गायब रहे और जोशी के आवास पर पहुंच गए।
केंद्रीय नेतृत्व पर सवाल
माकन ने इसे ‘अनुशासनहीनता’ बताया है और माना जा रहा है कि केंद्रीय नेता ‘नाराजगी और अपमानित’ महसूस कर रहे हैं। साथ ही इस घटना को गांधी परिवार की पार्टी से छूटती पकड़ के संकेत के तौर पर भी देखा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष के पद की रेस से बाहर नजर आ रहे हैं।