हर साल 29 सितंबर को ‘वर्ल्ड हार्ट डे’ मनाया जाता है। दुनियाभर में हृदय रोग से होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन और वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने लोगों को हार्ट की समस्याओं के प्रति जागरूक करने और मौत से बचाने के लिए इस दिन को मनाने पर विचार किया। आज देशभर में सबसे ज्यादा मौतें दिल से जुड़ी बीमारियों की वजह से हो रही हैं। आज से कुछ साल पहले तक हार्ट अटैक को बढ़ती उम्र के रोग से जोड़कर देखा जाता था। लेकिन कोरोना ने इस सोच को पूरी तरह से बदलकर रख दिया है।
कोरोना संक्रमण की वजह से आज कम उम्र के लोगों में भी दिल से जुड़े रोग पैदा होने का खतरा बढ़ गया है। रिम्स के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रशांत ने बताया कि पिछले पांच सालों में 25 से 40 साल तक के दिल के मरीजों की संख्या 15-20 फीसदी तक बढ़ी है।
हार्ट अटैक का प्रमुख कारण-
युवाओं में हार्ट अटैक का सबसे प्रमुख कारण धूम्रपान है। इसके अलावा अनियंत्रित बीपी, लगातार बैठे रहने वाले काम से फैट बर्न नहीं होना और बढ़ता तनाव इसका बड़ा कारण है। डॉ प्रशांत ने बताया कि रिम्स की ओपीडी और इमरजेंसी में मिलाकर हर रोज करीब हार्ट के 150 मरीज आते हैं। इनमें करीब 30 मरीज 25 से 45 साल तक के होते हैं। मेदांता अस्पताल के डॉ नीरज प्रसाद और डॉ मुकेश अग्रवाल ने बताया कि कैसे कुछ बातों की जानकारी होने पर आप भी बचा सकते हैं किसी व्यक्ति की जान।
आप भी बचा सकते हैं किसी की जान-
पूरी दुनिया इस बार यूज हार्ट फॉर एवरी हार्ट थीम पर वर्ल्ड हार्ट डे मना रही है। ये थीम इसलिए रखा गया है ताकि लोग अपने साथ दूसरे के हृदय को मजबूत रखने में मदद करें। आप भी किसी की सांस या दिल रुक जाने (कार्डियक अरेस्ट) पर सीपीआर यानी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन के इमरजेंसी मेडिकल टेक्निक से उसकी जान बचा सकते हैं।
सीपीआर में क्या करें-
अपने दोनों हाथों को मरीज की छाती के बीच में रखें और 100 से 120 प्रति मिनट की दर से जोर से छाती पर धक्का दें। हर धक्के के बाद छाती को अपनी सामान्य स्थिति में आने दें। मेडिकल इमरजेंसी हेल्प नहीं आने तक ऐसा करते रहें।
सेहतमंद दिल रखने के उपाय-
-कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखने के लिए जीवनशैली बदलें। इसके लिए संतुलित आहार व पैदल चलने को दिनचर्या में शामिल करें।
-दूसरी बीमारियां भी कंट्रोल में रखें। नमक-चीनी कम लें। वसायुक्त चीजें न लें।
-फल, हरी सब्जियां, सलाद, मछली से हृदय मजबूत होगा।
– सप्ताह में तीन से पांच दिन 40-45 मिनट पैदल चलें। ठंड से बचें।