ग्वालियर:मध्य प्रदेश के ग्वालियर के एक युवक को विवाद के निपटारे को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट की शरण लेना पड़ी है। युवक का कहना है कि उसकी पत्नी महिला न होकर पुरुष है। जबकि महिला ने अपने शपथ पत्र में कहा है कि उसे हार्मोन के इंबैलेंस की समस्या है लेकिन वह महिला ही है। युवक की फरियाद पर सुनवाई करते हुए परिवार न्यायालय द्वारा इस शादी को पूर्व में शून्य घोषित किया गया था। पति-पत्नी के इस विवाद में युवती और उसके पिता के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के लिए आदेश दिए गए थे। लेकिन हाईकोर्ट ने इसे निरस्त कर दिया था। अब यह शादी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। याचिका पति की ओर से दायर की गई है। इसमें उसकी पत्नी के महिला न होकर पुरुष होने का आरोप लगाया गया है।
पति ने कोर्ट में मांग की है कि पूर्व पत्नी और उसके पिता के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए। वहीं महिला ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब पेश करते हुए कहा है कि उसके पुरुष होने की बात बेमानी है।उसे कुछ हार्मोन संबंधी समस्या है, जिसका इलाज भी कराया गया था। उसने अपने पति को धोखा नहीं दिया है।बता दें कि ग्वालियर के रहने वाले युवक की शादी 13 जुलाई 2016 को मुरैना की लड़की के साथ हुई थी। शादी के बाद युवती ने अपने पति को शारीरिक संबंध नहीं बनाने दिए।
पत्नी की इस बेरुखी से नाराज होकर पति ने उसका मेडिकल कराया। पति का कहना है कि मेडिकल जांच कराने पर पता चला कि वह युवती महिला नहीं, बल्कि पुरुष है. इसके बाद युवक हाईकोर्ट पहुंचा था। कुटुंब न्यायालय ने इस शादी को इसी साल 14 जनवरी को शून्य घोषित कर दिया था। ठीक इसी तरह का एक अन्य मामला भी हाई कोर्ट में लंबित है।भिंड की लड़की के महिला न होकर पुरुष होने के आरोप उसके पति ने लगाए हैं और उसने अपनी शादी को शून्य घोषित करने की मांग की है।