जयपुर:राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाए है। सीएम गहलोत ने कहा कहा- मैं हमेशा फ्रेंडली माना जाता रहा हूं। तो भी मुझे मीडिया नहीं छोड़ता है। कोई न कोई कुचापात करता ही रहता है। उसका मैं क्या करूं। मेरे पास इलाज नहीं है। जब-जब कोई संकट आ गया राजस्थान के अंदर, सरकार गिरने का आ गया हो, कोई स्थिति आ जाए। आप, देखिएगा बख्शते नहीं है वो लोग। अरे, भाई कल तक दोस्त निभा रहे थे, आज तुम्हें क्या हो गया है। पता, मेरे लिए क्या सुकून की बात है, पर मैं मायने नहीं करता हूं। सीएम ने कहा कि राजनीति में गुना भाग होकर होते हैं। लेकिन जो होता है वो दिखता नहीं है और जो दिखता है वो होता नहीं। मीडिया को सच्चाई की तह तक जाना चाहिए। मैंने पहले की भांति कल भी कहा कि मैं कहीं भी रहूं, राजस्थान की, जोधपुर की और महामंदिर की मैं मरते दम तक करता रहूंगा सेवा, चाहे कुछ भी हो, मैं कहीं भी रहूं, वो तो मीडिया ने काट दिया, मीडिया जो मैंने कहा वो पूरा चला देते तो जनता को पता चल जाता हकीकत का। आप जो कारीगरी करते हो हमारी तरह वो भी नहीं है कम।
लोग समझ लेते हैं सच्चाई क्या है
मीडिया में जो खबरें आती है। जनता में भी इतनी समझ है। हिंदुस्तान के लोगों का काॅमन सेंस एक्सट्रा आॅर्डनरी है। उसी ढ़ंग से लोग समझ लेते हैं कि सच्चाई क्या है। अल्टीमेटली नुकसान मीडिया को ही होता है। उनकी विश्वसनीयता को होता है। लोग कहेंगे क्या करेंगे देखकर, खबरें तो उल्टी-सीधी आती रहती है। कोई फायदा नहीं मिलता है। सीएम गहलो ने इनवेस्ट राजस्थान प्रेस मीट में कहा कि आज मीडिया की विश्वसनीयता दांव पर है।
गहलोत मीडिया से दिखाई दिए नाराज
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में इन दिनों कांग्रेस में सियासी खींचतान की खबरों की बीच सीएम गहलोत का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है। सीएम गहलोत ने रविवार को मीडिया से जो बातें की है। उनकों अलग ढंग से पेश किया गया। माना जा रहा है कि सीएम गहलोत का इशारा इसी तरफ था। सीएम ने रविवार को कहा था कि 102 विधायक क्यों भड़क गए। यह रिसर्च का विषय है। मीडिया ने इस तरह की खबरें चलाई की सीएम गहलोत ने कांग्रेस एडवाइजरी का पालन नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि गहलोत-पायलट कैंप में सियासी खींचतान की वजह से कांग्रेस आलाकमान ने नेताओं की बयानबाजी पर रोक लगा रखी है।