जमशेदपुर:निजी कंपनियों की भर्ती में भी टेंडर गैंग का दखल होता जा रहा है। यह गैंग बहाली के लिए होने वाली परीक्षा में उम्मीदवारों की जगह में फर्जी उम्मीदवार को खड़ा कर उनसे परीक्षा दिलवाता है। यह तब उजागर हुआ जब टाटा स्टील जैसी बड़ी कंपनियों में कर्मचारी पुत्रों की बहाली की परीक्षा हो रही थी। इस केस में पुलिस को जांच में यह पता चला है कि परीक्षा से एक महीने पहले से ही बिहार और उत्तरप्रदेश से आया गिरोह यहां पनाह लेकर अभिभावकों से सम्पर्क कर रहा था। इस मामले में उत्तरप्रदेश के पीलीभीत और बिहार के बिहारशरीफ जिला नालंदा के युवक शामिल हैं। उनके द्वारा ही कुछ कोचिंग संचालकों से सम्पर्क कर परीक्षा दिलवायी जाती थी।
मुख्य सरगना है फरार
इस टेंडर गैंग का मुख्य सरगना अभी तक फरार है। पुलिस का मानना है कि एक नहीं बल्कि इसके लिए यूपी और बिहार से परीक्षा संचालित करने वाले वैसे लोग शामिल हैं जो इसके लिए गिरोह चलाते हैं। इस गिरोह का तीन लेयर है जिसमें एक परीक्षा देने वाला दूसरा सम्पर्क करने वाला है। इन दोनों तक ही पुलिस पहुंच पायी जबकि मुख्य सरगना जो छात्रों को परीक्षा के लिए तैयार करता था उन तक पुलिस नहीं पहुंच पायी।
यह था मामला ?
छह मार्च 2022 को टाटा स्टील मानव संसाधन विभाग द्वारा रजिस्टर्ड रिलेशन ट्रेनी परीक्षा जमशेदपुर के 16 केन्द्रों में आयोजित की गयी थी। इसी परीक्षा में आठ ऐसे युवको को पकड़ा गया था जो किसी दूसरे छात्र के नाम पर परीक्षा दे रहे थे। उनके पास से फर्जी प्रमाणपत्र बरामद किए गए थे। इसमें यूपी और बिहार के युवक पकड़े गए थे।
कोट
डीएसपी सीसीआर अनिमेष गुप्ता ने बताया कि इस कांड में पुलिस की अनुसंधान जारी है। इसमें परीक्षा दिलाने वाले टेंडर गैंग का हाथ है। उनके द्वारा ही छात्रों के अभिभावकों से सम्पर्क किया गया था। इसके लिए उनका वारंट हासिल कर उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।