नई दिल्ली:यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस का खुलकर समर्थन कर रहे चीन ने अमेरिका को सलाह दी है कि दो देशों के बीच युद्ध किसी के हक में नहीं है। चीन ने उल्टा अमेरिका को सलाह दी है कि वाशिंगटन को अपने कंधों पर वैश्विक शांति की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। न्यूज एजेंसी एएफपी के चीनी ब्रॉडकास्टर सीसीटीवे के हवाले से बात कही है।
रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच पहली बार बाइडन और जिंपिंग के बीच वर्चुअल बातचीत हुई। दोनों नेताओं के बीच करीब दो घंटे मुलाकात चली. रिपोर्ट के मुताबिक शी जिंपिंग ने जो बाइडन से कहा कि दो देशों के रिश्ते कभी युद्ध तक नहीं जाने चाहिए। जिंपिंग ने ये भी कहा कि शांति और सुरक्षा अंतराष्ट्रीय समुदाय की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
युद्ध में रूस के पक्ष में खड़े शी जिंपिंग ने कहा कि विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को वैश्विक शांति स्थापित करने के लिए अपने रिश्तों के सही दिेशा देने की जरूतर है। गौरतलब है कि 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले के बाद पहली बार जिंपिंग और बाइडन की बात हो रही थी। जानकारों का मानना है कि अमेरिका दरअसल ये जानना चाहता था कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर चीन का क्या रुख होने वाला है और चीन की इसमें क्या भूमिका होने वाली है?
दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की बातचीत से पहले अमेरिका ने चीन को कड़े संकेत दिए थे। सेक्रेट्री ऑफ स्टेट एंटनी ब्लिंकिन ने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस का साथ देने वाले देशों को भी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। दरअसल अमेरिका चीन को ये संकेत देना चाहता है कि अगर उसने युद्ध में रूस का साथ दिया तो उसे भी आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। चीन ने अबतक वैश्विक पटल पर यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ने के लिए रूस का विरोध नहीं किया है। वहीं अमेरिका की चिंता इस बात को लेकर भी है कि कहीं बीजिंग मॉस्को को मिलिट्री और वित्तीय सहायता ना दे दे।