जयपुर:कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा तीन दिसंबर को राजस्थानकी सीमा में प्रवेश करेगी। इसको लेकर राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेसजोर शोर से व्यवस्था कर रही है। इसकी निगरानी के लिए राज्य और जिला स्तर पर विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। हालांकि कांग्रेस की इस यात्रा पर सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे तनाव का असर होने की आशंका है।
राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के 20 दिनों के दौरान झालावाड़, कोटा(Kota), सवाई माधोपुर, दौसा और अलवर से होकर गुजरने की संभावना है। बता दें कि यात्रा की निगरानी के लिए राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (आरपीसीसी) द्वारा गठित राज्य स्तरीय समन्वय समिति में सीएम गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम पायलट दोनों हिस्सा हैं।
ऐसे में दोनों के बीच समन्वय भारत जोड़ो यात्रा पर असर पड़ने की संभावना है। बता दें कि गहलोत और पायलट के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव से आलाकमान परेशान हैं, ऐसे में यात्रा के राजस्थान पहुंचने से पहले पार्टी के दो शीर्ष नेताओं के गुटों के बीच समझौता कराने की तत्काल चुनौती पार्टी के सामने खड़ी है।
बता दें कि हाल ही में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव के दौरान अशोक गहलोत(Ashok Gehlot) प्रमुख रूप से सामने आए थे लेकिन राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर सचिन पायलट का नाम उछलने पर गहलोत खेमे के विधायकों में बगावत कर दी थी। ऐसे में पायलट और गहलोत खेमे में तनाव फिर से जाहिर हो गया था। ऐसे में पायलट खेमे ने हाल ही में मांग की थी कि राज्य में भारत जोड़ो यात्रा के प्रवेश से पहले पार्टी आलाकमान इस तरह की उलझन को सुलझाए।
ऐसे में गहलोत और पायलट के बीच के तनाव को देखते हुए पार्टी एक कॉमन चेहरे की तलाश में हैं। दरअसल पायलट खेमे के खिलाफ गहलोत खेमे की आक्रामकता कांग्रेस के लिए ही परेशानी का सबब बनी हुई है। वहीं विधानसभा चुनाव के नजदीक आते देख पार्टी दोनों के विवाद को सुलझाने की कोशिश में है। हालांकि इसमें सुधार न होने की दशा में पार्टी कॉमन चेहरे की तलाश में भी जा सकती है।