जयपुर:राजस्थान की राजधानी जयपुर में शनिवार को दिल्ली के श्रद्धा वालकर जैसा हत्याकांड की जानकारी सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। यहां एक इंजीनियर ने अपनी ताई की सिर फोड़कर हत्या कर दी और फिर मार्बल कटर से शव के आठ टुकड़े कर ट्राली बैग में भर कर इन्हे दिल्ली-सीकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर तीन अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया।
शहर के विधाधर नगर स्थित सेक्टर दो में 11 दिसंबर को आरोपित ने इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपित इंजीनियर अनुज शर्मा उर्फ अचित्य गोविंद दास (33 को गिरफ्तार कर लिया। उसने पूछताछ में ताई की हत्या करने की बात स्वीकार की है। वह सरोज द्वारा एक धार्मिक कार्यक्रम में जाने से रोके जाने से नाराज था। इस कारण तैश में आकर उसने सरोज की हत्या कर दी।
ऐसे दिया घटना को अंजाम
62 वर्षीय सरोज देवी रसोई में खाना बना रही थी। इस दौरान पीछे से अनुज आया और उसने लोहे के हथौड़े से सरोज के सिर पर वार कर किया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद आरोपित ने शव को रसोई से घसीट कर कमरे में बने शौचालय में छिपा दिया। उसके बाद बाजार जाकर मार्बल कटर लिया,जिससे उसने सरोज के शव को आठ टुकड़ों में काट कर ट्राली बैग में भर लिया। इसके बाद मौका देखकर उसने आठों टुकड़े दिल्ली-सीकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिए।
दोनों बहनों ने 16 दिसंबर को अपनी मां की हत्या के मामले में अपने चचेरे भाई अनुज शर्मा पर हत्या का शक जताया था। जांच के बाद पुलिस ने अनुज को गिरफ्तार कर लिया है। सरोज का बेटा अमित विदेश में रहता है। पूजा और मोनिका ने बताया कि उनके पिता की मौत,1995 में हो गई थी। उसके बाद से सरोज विद्याधर नगर में चाचा बद्री प्रसाद शर्मा के पास रहती थीं।
पूछताछ में अनुज ने बताया कि हत्या 11 दिसंबर को सुबह साढ़े आठ की गई। अनुज ‘हरे कृष्णा’ संस्थान से जुड़ा है। वह कीर्तन में दिल्ली जाना चाहता था। सरोज ने उसे जाने से रोका तो तैश में आकर अनुज रसोई में खाना बनाते समय उसकी लोहे के हथौड़े से हत्या कर दी। उसने शव चाकू से काटने की कोशिश की।लेकिन शव कटा नहीं । इस पर शव को शौचालय में रखकर बाजार से मार्बल कटर लिया। मार्बल कटर से उसने शव के आठ टुकड़े किए और फिर ट्राली बैग में भरकर फेंक दिए। उसने शवों पर मिट्टी डाल दी।
पुलिस उपायुक्त परीस देशमुख ने बताया कि अनुज ने जब सरोज की हत्या की तो उसके पिता बद्री प्रसाद और बहन शिवी इंदौर गए हुए थे। शिवी अविवाहित है। हत्या करने के बाद वह हरिद्वार चला गया था। इससे पहले उसने दीवार पर लगे खून के धब्बे कपड़े से साफ किए। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने हत्या करना स्वीकार किया। देशमुख ने बताया कि सरोज देवी कैंसर पीड़ित थीं।