मॉस्को : 10 महीनों से ज्यादा समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध में बातचीत का दौर शुरू हो सकता है। खबर है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बातचीत के लिए तैयार होने की बात कही है। हालांकि, उन्होंने इसके लिए शर्तें भी रखी हैं। इस बात की जानकारी क्रेमलिन ने बयान जारी कर दी है। रूस ने बीते साल फरवरी के अंत में यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी थी।
क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन से कहा है कि अगर यूक्रेन मॉस्को के कब्जे वाले क्षेत्रों को स्वीकार कर लेता है, तो वह बातचीत के लिए तैयार हैं। बयान के अनुसार, पुतिन ने एक बार फिर गंभीर चर्चा के लिए रूस की तरफ से खुलेपन की पुष्टि की है। रूसी सैनिकों ने बड़े स्तर पर पूर्वी और दक्षिण यूक्रेन के हिस्से पर कब्जा कर लिया है।
क्रेमलिन ने दावा किया है कि दोनेत्सक, लुगांस्क, झापोरिझिया और खेरसॉन क्षेत्रों को पूरी तरह नियंत्रित नहीं करने के बावजूद कब्जा कर लिया है। बयान के मुताबिक, ‘रूसी पक्ष ने पश्चिमी देशों की विनाशकारी भूमिका, सैन्य उपकरणों से कीव शासन को तैयार करना, जानकारी और लक्ष्यों की जानकारी देने की बात पर जोर दिया है।’
इसके अलावा दोनों नेताओं के बीच संयुक्त राष्ट्र की तरफ से कराए गए अनाज के समझौते पर भी चर्चा हुई। खास बात है कि काला सागर में बेड़े पर ड्रोन हमला होने के बाद अक्टूबर में रूस डील से कुछ समय के लिए बाहर हो गया था। हालांकि, उसने कुछ दिनों बाद ही डील में वापसी की, लेकिन अधिकारियों ने रूसी उत्पादों पर प्रतिबंध लगाए जाने की शिकायत की थी।
संघर्ष विराम का आदेश
पुतिन ने रूसी रूढ़िवादी क्रिसमस की छुट्टी के लिए इस सप्ताहांत यूक्रेन में मास्को के सशस्त्र बलों को 36 घंटे के संघर्ष विराम का गुरुवार को आदेश दिया। क्रेमलिन ने यह जानकारी दी। यह आदेश रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख पैट्रिआर्क किरिल के प्रस्ताव के बाद आया है। रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू को संबोधित पुतिन का यह आदेश क्रेमलिन की वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ है।