जयपुर:राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज करौली में दंगा प्रभावित घटना स्थल का दौरा किया। बाद में सर्किट हाउस में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि प्रशासनिक आदेशों के माध्यम से राज्य की गहलोत सरकार ने हिंदू त्योहारों पाबंदी लगा रही। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बाद में उन्होंने करौली कलेक्टर एसपी को बुलाकर अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी का निर्वहन ढंग से करने की नसीहत दी कहा याद रखना समय एक सा नहीं रहता है। ऐसी ग़लतियो का खामियाजा भुगतना पड़ता है। जिस तरह से आपने लोगों के साथ अन्याय किया है,उसे भूला नहीं जा सकता। यह टोटली पुलिस व राज्य सरकार का फ़ेल्योर और षड्यंत्र है। पूर्व सीएम ने कहा कि दोषियों को तुरंत गिरफ़्तार किया जाये और किसी भी निर्दोष को जबरन नहीं फंसाया जाए।
वसुंधरा राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत जी कहते है कि भाजपा के शीर्ष नेता आग लगाने का काम करते हैं। जबकि पीएम नरेंद्र मोदी जी,गृह मंत्री अमित शाह जी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी का तो एक ही लक्ष्य है सबका साथ और सबका विकास। सरकार आपकी, पुलिस आपकी और प्रशासन आपका तो फिर दोष भाजपा पर क्यों ? सच तो यह है कि यह आग करौली में कांग्रेस ने लगवाई है।
पूर्व सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री जी कहते है कि भाजपा धर्म की राजनीति करती है।जबकि भाजपा तो कर्म की राजनीति करती है।करौली कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति कारण ही जला।नववर्ष के उपलक्ष्य में निकाली जा रही शोभा यात्रा पर षड्यन्त्र पूर्वक पथराव किया गया।जिन्होंने प्राण घातक हमला किया उन पर भी वही धाराएँ और जो घायल हुए उन पर भी वही धारायें।इस सरकार का यह कैसा न्याय है ? उन्होंने कहा कि यदि शोभा यात्रा से पहले ही प्रशासन सतर्कता बरतता,तो यह घटना टल सकती थी।करौली से कई लोग पलायन कर गये हैं।कई लोग दहशत में जी रहें हैं।
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि कई बार मीडिया पूछता है कि मुख्यमंत्री गहलोत जी की उपलब्धि क्या है ? मेरा जवाब होता है-मुख्यमंत्री जी की उपलब्धि है खुद की हर गलती को पीएम नरेंद्र मोदी जी,गृह मंत्री अमित शाह जी,राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी और भाजपा नेताओं पर डालने का प्रयास करना, पर वे इसमें सफल नहीं होते।
सरकार पूरी तरह से तुष्टिकरण की नीति पर काम कर रही है।रमज़ान पर निर्बाध रूप से बिजली देने के आदेश, छोटीसादड़ी के केसुंदा गांव में भाजपा का झंडा लगाने के कारण एक कार्यकर्ता की हत्या इसकी बानगी है।इसी तरह भीलवाड़ा में परशुराम सर्कल पर से भगवा झंडा हटवाया गया।बाद में जब भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध किया तो प्रशासन को भगवा झंडा वापस लगवाना पड़ा।जबकि भगवा किसी पार्टी का रंग नहीं है,यह भगवान का रंग है।आज भगवा से परहेज़, तो क्या कल कांग्रेस भगवान से भी परहेज़ करेगी ?