नई दिल्ली:खाद्य तेल की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने सभी खाद्य तेलों और तिलहनों पर भंडारण सीमा तय कर रखी है। इसके बावजूद कई राज्यों में सोयाबीन और सरसों की बड़ी जमाखोरी सामने आई है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय का कहना है कि निरीक्षण के दौरान मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के कई शहरों में नियंत्रण आदेश की निर्धारित मात्रा से काफी अधिक मात्रा में खाद्य तेल पाए गए हैं। मंत्रालय का कहना है कि अन्य राज्यों में निरीक्षण का काम अभी जारी है।
खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को जमाखोरी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। सरकार ने इस साल के अंत यानि 31 दिसबंर 2022 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्य तेलों और तिलहनों की भंडारण सीमा तय कर रखी है। भंडारण सीमा की जांच के लिए केंद्र सरकार की टीम जांच पड़ताल के लिए विभिन्न शहरों में जांच कर रही है। इसी जांच के दौरान इन राज्यों में खाद्य तेल और तिलहन के भंडारण का खुलासा हुआ है।
खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय का कहना है कि महाराष्ट्र और राजस्थान में भंडारण सीमा का उल्लंघन करने के मामले में थोक विक्रेता, बिग चेन रिटेल आउटलेट मुख्य रूप से दोषी पाए गए। केंद्र ने राज्य सरकारों से इस मामले में उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
केंद्र की जांच टीम उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, गुजरात और दिल्ली में भी जांच कर रही है। इन राज्यों में निरीक्षण का काम अभी जारी है। दरअसल, सरकार ने खाद्य तेलों की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए 3 फरवरी के अपने आदेश में संशोधन करते हुए एक अप्रैल से 31 दिसंबर 2022 तक भंडारण सीमा बढ़ा दी है।