नई दिल्ली: रूस से कच्चे तेल के आयात में लगातार वृद्धि हो रही है। कार्गो परिवहन पर नजर रखने वाली वार्टेक्सा के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2022 में भारत ने रूस से हर रोज 10 लाख बैरल से ज्यादा कच्चे तेल का आयात किया है। यह लगातार तीसरा महीना रहा है जब रूस कच्चे तेल का भारत को सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता रहा है। भारत के कुल कच्चे तेल आयात में 31 मार्च 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में रूस के तेल की सिर्फ 0.2 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। लेकिन पिछले महीने रूस से रोजाना 11.9 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का आयात किया गया है। इससे पहले नवंबर में रूस से रोजाना 9,09,403 बैरल और अक्टूबर में 9,35,566 बैरल कच्चे तेल का आयात किया गया।
वार्टेक्सा के मुताबिक, जून 2022 में भारत ने रूस से 9,42,694 बैरल कच्चे तेल के आयात का रिकार्ड बनाया था। अक्टूबर 2022 में इराक और सऊदी अरब को पछाड़कर भारत को सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता देश बन गया था। अब भारत के कुल कच्चे तेल के आयात में रूस की करीब 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जानकारों का कहना है कि जब यूरोपियन यूनियन और अमेरिका ने रूस के समुद्री तेल पर मूल्य सीमा लगाई थी, तब रूस से भारत को कच्चे तेल का निर्यात चरम पर था।
जानकारों के अनुसार, रूस से अब यूरोपियन यूनियन और अमेरिका की मूल्य सीमा 60 डालर प्रति बैरल से भी सस्ता तेल मिल रहा है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश और अपनी जरूरत का करीब 85 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है। दिसंबर में भारत ने इराक से 8,03,228 बैरल और सऊदी अरब से 7,18,357 बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का आयात किया था।