ज्ञानवापी प्रकरण में नेताओं की बयानबाजी को लेकर मुकदमा कायम करने की मांग को लेकर दाखिल वाद पर अब 19 जनवरी को सुनवाई हो गई। विपक्ष की तरफ से दाखिल वकालतनामा स्वीकार योग्य है या नहीं, इस पर कोर्ट का आदेश आएगा।
ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाने में गंदगी करने और नेताओं की बयानबाजी को लेकर दाखिल वाद में सोमवार को एसीजेएम पंचम एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। विपक्ष की तरफ से दाखिल वकालतनामे पर आदेश के लिए सुनवाई की अगली तिथि 19 जनवरी तय की गई।
ये है पूरा मामला
कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने अर्जी देकर आरोप लगाया था कि सपा नेता व ओवैसी सहित अन्य ने बयान देकर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया था। साथ ही कहा था कि ज्ञानवापी परिसर में नमाजियों की ओर से वजूखाने में हाथ-पैर धोए जाते हैं और गंदगी फैलाई जाती है। जबकि वह स्थान हमारे अराध्य भगवान शिव का है। यह हिंदू समाज के लिए अपमानजनक है। इस मामले में कानूनी कार्रवाई जरूरी है।
अधिवक्ता ने मामले में अंजुमन इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल वाकी, मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, कमेटी के संयुक्त सचिव सैय्यद मोहम्मद यासीन और बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है। कोर्ट ने पुलिस से रिपोर्ट ली थी। अब मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी को तय की गई है।