नई दिल्ली: 17 जनवरी का दिन भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद खास दिन है। पर्थ की उछाल भरी पिच पर अनिल कुंबले के नाम का बजा था डंका खासतौर से जब क्रिकेट तेजी से बल्लेबाजों की गेम बनती जा रही है, ऐसे में 17 जनवरी, एक गेंदबाज को सेलिब्रेट करने का दिन है। भारतीय गेंदबाजी की जान कहे जाने वाले अनिल कुंबले ने साल 2008 में आज ही के दिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का 600 विकेट पूरा किया था।
यूं तो क्रिकेट के मैदान पर अनिल कुंबले की जीवटता की तस्वीर फिरोजशाह कोटला के मैदान पर सबने देखी थी, जब उन्होंने टूटे जबड़े के साथ गेंदबाजी कर, कभी न हार मानने वाले खिलाड़ी के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ के मैदान में उन्हें इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के टी ब्रेक के ठीक बाद अनिल कुंबले ने एंड्र्यू साइमंड्स को स्लिप में राहुल द्रविड़ के हाथों कैच कराकर यह उपलब्धि हासिल की थी। साइमंड्स 66 रन बनाकर आउट हुए थे।
वह भारत के पहले और दुनिया के तीसरे 600 विकेट लेने वाले गेंदबाज बने थे। कुंबले की इस उपलब्धि को विरोधी खिलाड़ी एडम गिलक्रिस्ट ने भी सराहा था और उन्हें शुभकामनाएं दी थी। कुंबले को इस आंकड़े तक पहुंचने में 124 मैच लगे। हालांकि, उनके क्रिकेट करियर की बात करें तो उन्होंने 132 मैच में 2.7 की इकोनॉमी से 619 विकेट हासिल किए।