नई दिल्ली:भारत भोजन और ईंधन की मदद के अलावा श्रीलंका को अतिरिक्त दो अरब डॉलर की वित्तीय सहायता देने को तैयार है। अलग-अलग पांच सूत्रों ने बुधवार को बताया कि नई दिल्ली हाल के वर्षों में चीन के हाथों खोई श्रीलंका में अपने आधार को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रही है।
1948 में स्वतंत्रता के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहे और पहले ऋण चूक के कगार पर आए श्रीलंका ने भारत और चीन सहित मित्र देशों से क्रेडिट लाइन, भोजन और ऊर्जा की मांग की है। एशियाई दिग्गज पहले ही श्रीलंका को अरबों डॉलर की वित्तीय सहायता दे चुके हैं।
श्रीलंका के साथ विभिन्न चर्चाओं से अवगत एक भारतीय सूत्र ने कहा, ‘हम निश्चित रूप से उनकी मदद करना चाहते हैं और अधिक स्वैप लाइन और ऋण देने को तैयार हैं।’ नई दिल्ली में एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने कहा कि ऋण भुगतान में चूक के लिए मंगलवार को श्रीलंका की चेतावनी चिंता का विषय थी। लेकिन ‘हम अभी भी उनके स्वैप और समर्थन में दो अरब डॉलर तक दे सकते हैं।’
ब्रिज फाइनेंसिंग के लिए भारत की मदद मांगी
श्रीलंका ने पुल वित्तपोषण को सुरक्षित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने में भारत की सहायता मांगी है। श्रीलंकाई उच्चायोग देश के सबसे खराब आर्थिक संकट के बीच बेलआउट कार्यक्रम के लिए अंतीीरष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ बातचीत करनेवाला है।
आईएमएफ से बेलआउट पैकेज को लेकर श्रीलंका की वार्ता की प्रक्रिया में अधिक नहीं तो कम से कम छह महीने लगने की उम्मीद है। द्वीप राष्ट्र को अपनी तात्कालिक जरूरतों का ध्यान रखने के लिए एक पुल फाइनेंसिंग व्यवस्था पर काम करना होगा। ब्रिज फाइनेंसिंग और आईएमएफ के साथ आर्थिक समायोजन कार्यक्रम दोनों को हासिल करने के लिए भारत के समर्थन का मुद्दा तब उठा जब श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा ने बुधवार को नई दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की।