रेवाड़ी: साइबर ठगों ने खाली जगह में मोबाइल टावर लगाने व 45 लाख रुपये एडवांस देने का झांसा देकर गांव डहीना के रहने वाले एक व्यक्ति से एक लाख पांच हजार 700 रुपये ठग लिए। रुपये जमा कराने के बाद साइबर ठगों ने और राशि की मांग की तो उन्हें ठगे जाने का पता लगा। पीड़ित ने मंगलवार को पुलिस को शिकायत देकर प्राथमिकी दर्ज कराई है।
45 लाख रुपये का दिया लालच
पुलिस को दी शिकायत में गांव डहीना के रहने वाले सुंदर सिंह ने कहा है कि 12 जनवरी को उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया, जिसमें लिखा हुआ था- आइटेल का मोबाइल टावर लगवाइए और 45 लाख रुपये एडवांस पाइए। लालच में आकर सुंदर सिंह ने मैसेज में दिए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया।
दूसरी ओर से बात करने वाले साइबर ठग ने सुंदर सिंह से जमीन के कागजात वाट्सएप से भेजने के लिए कहा। कागजात भेजने के बाद बताया कि गया कि सेटेलाइट से जमीन की सर्वे की जाएगी। अगले दिन उसी नंबर से काल आया और बताया कि कंपनी उनके प्लाट में टावर लगाने के लिए तैयार है, प्रक्रिया शुरू करने के लिए उन्हें फाइल की 1800 रुपये फीस जमा करानी होगी।
सुंदर ने दिए गए फोन-पे नंबर पर 1800 रुपये भेज दिए। इसके बाद एक लड़की का फोन आया। लड़की ने बताया कि उनका 25 लाख रुपये का एडवांस चेक तैयार हो गया है, लेकिन रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने इसे होल्ड पर रख दिया है। उन्हें 15 हजार 500 रुपये जमा कराने होंगे। सुंदर ने यह राशि भी बैंक खाते में जमा करा दिए। लड़की ने काल कर बताया कि राशि ज्यादा होने के कारण चेक बजाय डिमांड ड्राफ्ट बनेगा, जिसके लिए 22 हजार 900 रुपये जमा करने होंगे।
डीडी के लिए राशि जमा करने के बाद लड़की ने 15 जनवरी को बताया कि गाड़ी टावर का सामान लेकर आ रही थी, लेकिन रास्ते में आरटीओ ने पकड़ लिया है। गाड़ी छुड़वाने के नाम पर आरोपितों ने
लड़की ने बताया कि गाड़ी को कमेटी वालों ने पकड़ लिया है और टावर की एनओसी के लिए 25 हजार रुपये जमा कराने होंगे। बार-बार रुपये जमा करवाने पर सुंदर सिंह को संदेह हो गया और रुपये देने से मना कर दिया। इंकार करने पर सुंदर सिंह के पास अलग-अलग नंबरों से काल आने लगी। सुंदर ने मामले की शिकायत मंगलवार को पुलिस को दी। साइबर थाना पुलिस ने ठगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।