आपने अक्सर गुस्सा करने से सेहत पर होने वाले नुकसान के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं बाहर से शांत दिखने वाले ऐसे लोग जो गुस्सा मन में दबाकर रखते हैं, वो भी इन साइड इफेक्ट्स से अछूते नहीं हैं। जी हां, गुस्सा मन में दबाकर रखने वालें लोगों को भी उनकी ये आदत मानसिक और शारीरिक नुकसन पहुंचा सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग के शोधकर्ताओं की टीम ने खुलासा किया है कि गुस्सा दबाने से स्ट्रोक का खतरा पैदा हो सकता है। स्टडी के मुताबिक गुस्सा आने की स्थिति में शरीर और मस्तिष्क में कुछ ऐसे बदलाव आते हैं जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी परेशानियों का कारण बन सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने बेवजह गुस्से की आदत पर काबू पाया जाए। हालांकि लेकिन इस पर सीमित जानकारी होने के कारण फिलहाल इस पर कोई प्रमुख चर्चा सामने नहीं आई है।
गुस्सा मन में दबाकर रखने के नुकसान-
बढ़ता तनाव-
मन में गुस्सा दबाकर रखने वाले लोग जल्द ही तनाव का शिकार होने लगते हैं। तनाव की वजह से व्यक्ति दुखी होकर अनिद्रा की समस्या से भी परेशान होने लगता है।
सिर दर्द-
जो लोग अपनी बात या गुस्से को दूसरे लोगों के साथ शेयर नहीं कर पाते हैं, उन्हें सिर दर्द, हार्ट डिसीज जैसी शिकायतें हो सकती हैं। जिससे पीड़ित व्यक्ति को ज्यादा पसीना आना, अल्सर या माइग्रेन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
हाई बीपी-
जो लोग मन में गुस्से को दबाते हैं उन्हें हाई बीपी की समस्या हो सकती है। जिसकी वजह से कई बार ब्रेन स्ट्रोक की समस्या भी हो सकती है। जब हम किसी बात पर रिएक्ट करते हैं, तो शरीर में रक्त का प्रभाव तेज होने लगता है जिससे बीपी बढ़ता है।
शारीरिक समस्याएं-
व्यक्ति को जब गुस्सा आता है तो उसकी बॉडी में एड्रिनालिन और नोराड्रिनलिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। ऐसे में अगर आप गुस्सा कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं, तो आप हाई ब्लडप्रेशर, सीने और सिर में दर्द, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं के शिकार हो सकते हैं। इन समस्याओं को कंट्रोल में रखने के लिए मनोचिकित्सक की सलाह लें।
गुस्सा-
अगर आप भी ऐसे लोगों की लिस्ट में शामिल हैं जो यह मानते हैं कि गुस्सा कंट्रोल रखने से व्यक्ति का मन शांत रहता है तो अपनी यह सोच बदल दें। जी हां, गुस्सा दबाकर रखने से व्यक्ति भले ही उस समय शांत नजर आए लेकिन आपके ऐसा करने की आदत आपका गुस्सा डबल कर सकती है। मनोचिकित्सकों की मानें तो जिस वक्त व्यक्ति को गुस्सा आए उसे अपने दोस्त और रिश्तेदारों से बात करनी चाहिए।