नई दिल्ली:अगर इन दिनों हार्दिक पांड्या के बारे में कोई एक बात आपके ध्यान में आती है, तो वह है विचारों की स्पष्टता। वानखेड़े स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैच में पहली बार भारत का नेतृत्व करेगें। मैच की पूर्व संध्या पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में पांड्या से पूछा गया कि क्या वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में वापसी करेंगे। पंड्या की प्रतिक्रिया स्पष्ट थी। हार्दिक ने कहा, टेस्ट में किसी की जगह लेना उनके लिए नैतिक नहीं होगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हार्दिक ने कहा, “नहीं। मैं नैतिक रूप से बहुत मजबूत व्यक्ति हूं। मैंने वहां पहुंचने के लिए 10 प्रतिशत भी मेहनत नहीं की है। इसलिए मेरा वहां आना और किसी की जगह लेना नैतिक रूप से सही नहीं होगा। अगर मैं टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता हूं तो मैं कड़ी मेहनत करूंगा और अपना स्थान अर्जित करूंगा। इसलिए, इस कारण से मैं WTC फाइनल या भविष्य की टेस्ट सीरीज के लिए तब तक उपलब्ध नहीं रहूंगा, जब तक मुझे नहीं लगता कि मैंने अपना स्थान अर्जित कर लिया है।”
श्रेयस अय्यर की चोट चिंता का विषय
उन्होंने स्वीकार किया कि मध्य क्रम के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर की बार-बार होने वाली पीठ की चोट वनडे विश्व कप से कुछ महीने पहले भारत के लिए गहरे चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि भारत को समाधान खोजने की आवश्यकता होगी यदि वह उपलब्ध नहीं होंगे। हार्दिक ने माना कि रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में ईशान किशन, शुभमन गिल के साथ बल्लेबाजी की शुरुआत करेंगे।
वनडे और टी20 में योजनाओं का अंतर
गौरतलब हो कि 11 टी20 मैचों में भारत की कप्तानी की है, उनमें से 7 में जीत हासिल की है। पांड्या ने अलग-अलग प्रारूपों में कप्तानी के अंतर का विश्लेषण करते हुए कहा, “वनडे, टी20 खेल का ही विस्तार है, जिसमें आपको काफी बदलाव करने होते हैं। आपको इसमें बने रहना होगा, क्योंकि हर ओवर, हर गेंद खेल को बदल देती है। वनडे में आपके पास अधिक निर्धारित योजनाएं होती हैं। एक बार जब आप कुछ शुरू करते हैं तो वही योजना 6 ओवरों के लिए चल सकती है।”