नई दिल्ली:दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा आतंकवाद के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। दोनों ने कथित तौर पर एक पाकिस्तानी सेना अधिकारी की पहचान की है जिनसे वे पाकिस्तान में प्रशिक्षण के दौरान मिले थे। यह वही पाकिस्तानी सेना का अधिकारी है जो भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान के साथ एक तस्वीर में दिखता है। दिल्ली की एक अदालत में दायर आरोपपत्र से इसका खुलासा हुआ है।
आरोपपत्र में दावा किया गया है कि पाकिस्तानी मेजर यूपी के इलाहाबाद के रहने वाले जीशान कमर (28) और दिल्ली के जामिया नगर निवासी ओसामा उर्फ सामी (22) द्वारा पहचाने गए नौ लोगों में से एक था। चार्जशीट के अनुसार दोनों को कथित तौर पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) द्वारा प्रशिक्षित किया गया था।
जांच अधिकारी एसीपी ललित मोहन नेगी चार्जशीट में कहते हैं, “उन्होंने एक की पहचान की है जो कि पीओके से है और इस्लामाबाद में रहता है। जीशान और ओसामा ने रावलपिंडी में प्रशिक्षण लिया था। तस्वीर में दिखना वाला मेजर हमजा उस प्रशिक्षण का प्रमुख था। हमजा ने उन्हें भी यह बताया कि वह विंग कमांडर अभिनंदन की गिरफ्तारी के समय भी मौजूद था।”
इस साल नौ फरवरी को दाखिल आरोपपत्र पर सोमवार को अदालत ने संज्ञान लिया है। आपको बता दें कि अभिनंदन को 27 फरवरी, 2019 को सीमा के दूसरी तरफ पकड़ लिया गया था। उन्होंने बालाकोट हवाई हमले के बाद एक हवाई झड़प के दौरान पाकिस्तानी फाइटर जेट को मार गिराया गया था। दो दिन बाद वह भारत लौटे थे।
कमर और ओसामा उन पांच लोगों में शामिल थे, जिनकी पहचान स्पेशल सीपी (स्पेशल सेल) नीरज ठाकुर ने एक आतंकी साजिश में कथित भूमिका के लिए की थी। इन दोनों के अलावा ठाकुर ने कहा था कि स्पेशल सेल ने महाराष्ट्र से जान मोहम्मद शेख (47), यूपी के रायबरेली से मूलचंद उर्फ साजू (47), यूपी के बहराइच से मोहम्मद अबू बकर (23) और मोहम्मद आमिर जावेद (31) को लखनऊ से सितम्बर में गिरफ्तार किया था।
ठाकुर ने कहा था, “दो आरोपियों ओसामा और जीशान ने इस साल (2021) पाकिस्तान में प्रशिक्षण प्राप्त किया और आईएसआई से निर्देश प्राप्त कर रहे थे। उन्हें आईईडी लगाने के लिए दिल्ली और उत्तर प्रदेश में उपयुक्त स्थानों की रेकी करने के लिए कहा गया था।” चार्जशीट में दावा किया गया है कि जीशान और ओसामा ने ओमान और पाकिस्तान का दौरा किया और दाऊद इब्राहिम गिरोह के एक सदस्य से भी मुलाकात की।
चार्जशीट में कहा गया है, “आरोपी से आईईडी बम तैयार करने, हथियारों से निपटने, फायरिंग और आगजनी के विभिन्न तरीकों के प्रशिक्षण के लिए मस्कट, ओमान और थट्टा, पाकिस्तान की उनकी यात्रा के बारे में पूछताछ की गई। अपने प्रशिक्षण के दौरान वे विभिन्न व्यक्तियों से मिले और विभिन्न स्थानों का दौरा किया। उन्होंने इंटरनेट पर उपलब्ध खुले स्रोतों के माध्यम से व्यक्तियों और स्थानों की पहचान की है और उन्हें टारगेट किया है।”
चार्जशीट में कहा गया है, “उन्होंने एक बशीर खान की भी पहचान की है, जो महाराष्ट्र से है और 1993 के मुंबई विस्फोटों के बाद पाकिस्तान भाग गया था। वह दाऊद इब्राहिम गिरोह का हिस्सा था। उनके प्रशिक्षण के दौरान वह उनसे मिलने गया और उन्हें जिहाद के लिए प्रेरित किया। उसने उनका परिचय कराया और उन्हें 1993 के मुंबई विस्फोटों में अपनी संलिप्तता के बारे में बताया।”