मुंबई:महाराष्ट्र के लोगों को अब बालाजी के दर्शन करने तिरुपति जाने की जरूरत नहीं होगा क्योंकि खुद बालाजी महाराष्ट्र में आ रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड को भगवान वैंकटेश्वर मंदिर जैसा मंदिर बनाने के लिए नवी मुंबई में जगह दी है। बुधवार को सीएम उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये फैसला लिया गया। सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने बयान जारी कर कहा है कि तिरुपति मंदिर मैनेजमेंट को नवी मुंबई में जगह दी गई है ताकि वहां तिरुपति जैसे भगवान बालाजी के मंदिर का निर्माण किया जा सके। CIDCO के बयान के मुताबिक तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के चेयरमैन सुब्बा रेड्डी ने चिट्ठी लिखकर नवी मुंबई के पास बनने वाले एयरपोर्ट के नजदीक जमीन मांगी थी।
सुब्बा रेड्डी की चिट्ठी को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे ने CIDCO को वैसा ही करने का आदेश दिया था। जिस प्लॉट को CIDCO ने तिरुपति देवस्थानम बोर्ड को दिया है वो जगह दरअसल पहले मुंबई ट्रेन्स हार्बर लाइन सी-ब्रिज प्रोजेक्ट को दी गई थी। अब ये जमीन वापस CIDCO के पास 2023 तक वापस आने वाली है।
नवी मुंबई के उलवे के पास बनने जा रहे एयरपोर्ट के नजदीक ही भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर होगा। जैसी ही मंदिर का निर्माण खत्म होगा, इसे आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। नवी मुंबई में भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर के बाद लोगों को बालाजी के दर्शनों के लिए आंध्र प्रदेश के तिरुपति नहीं जाना पड़ेगा। नवी मुंबई में ही श्रद्धालुओं को बालाजी के दर्शन हो जाएंगे। इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार ने बोरिवली स्थित स्वामी गगनगिरी महाराज आश्रम चेरिटेबल ट्रस्ट की लीज को 30 साल के लिए और आगे बढ़ा दिया है।