आज है हनुमान जन्मोत्सव। इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा का विधान है। कहते हैं कि हनुमान जी की पूजा बहुत अधिक फलदायी है। आज कई शुभयोगों और शुभ महूर्त में अलग-अलग समय हनुमान जी की पूजा अर्चना की जा सकती है। अगर आप भी हनुमान जी की पूजा कर रहे हैं, तो इससे पहले कुछ नियमों को जानना बहुत जरूरी है। हनुमान जी की पूजा नियम से की जाती है। इसलिए कुछ नियमों का जिक्र हम यहां कर रहे हैं।
हनुमानजी को जो भी प्रसाद अर्पित करें, उसका ध्यान रखें कि उनको लगने वाला भोग शुद्ध घी में बनें।
हनुमान पूजा की पूजा में चमेली का तेल या शुद्ध घी से दीपक जलाना चाहिए।
हनुमानजी पूजा के बाद आरती करें और फिर उन्हें गुड़ और चने का प्रसाद जरूर अर्पित करें।
हनुमान जी की पूजा लगातार करनी चाहिए। उनके पूजा के बीच में कोई बाधा न आए, चक्र पूरा होना चाहिए।
ग्रहण के सूतक काल में या फिर घर में किसी का जन्म या मृत्यु होने पर अगर सूतककाल चल रहा है तो हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए।
हनुमान पूजा में तुलसी दल या चरणामृत या पंचामृत नहीं रखना चाहिए, न ही उन्हों भोग लगाना चाहिए।
अगर आप हनुमानजी का व्रत यानी मंगलवार या शनिवार का व्रत रखते हैं तो भूलकर भी नमक ना खाएं, इनके व्रत मीठे रखे जाते हैं।
हनुमान जी की पूजा के एक दिन पहले से ही ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और तन, मन से शुद्ध रहना चाहिए।