नई दिल्ली: जंतर-मंतर पर बुधवार देर रात दिल्ली सरकार के मंत्री सोमनाथ भारती बिना अनुमति के बिस्तर लेकर पहुंच गए। पुलिस के जवानों ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तब फोल्डिंग उतारने के दौरान कुछ समर्थकों को चोट लग गई। इस पर पहलवानों ने हंगामा कर दिया। मौके पर पहुंचीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल सहित 40 लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
इससे पहले पहलवानों ने इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित कर आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने नशे की हालत में धरनास्थल पर पहुंचकर महिला पहलवानों पर अभद्र टिप्पणी की। सूचना पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी पहुंचे और मामला शांत करवाया। प्रसारित 35 सेकंड के वीडियो में एक पुलिसकर्मी जमीन पर हाथ जोड़े बैठा था। पीछे से पहलवान बोल रहे थे कि पुलिसकर्मी ने शराब पी हुई है।
पहलवानों की पुलिसकर्मियों से झड़प हो गई
दरअसल, सोमनाथ भारती बिना अनुमति के जंतर मंतर पर बिस्तर लेकर धरना देने पहुंचे थे। पुलिसकर्मियों ने जब उन्हें रोक दिया और बिस्तर उतारने से मना किया तब उनके समर्थकों और पहलवानों की पुलिसकर्मियों से झड़प हो गई। एक पुलिसकर्मी को नशे में खड़ा देख कर उन्हे पकड़ कर बैठा लिया गया और वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया गया। उस पुलिसकर्मी ने किसी के साथ कोई मारपीट नहीं की बल्कि पहलवानों ने ही उसकी पिटाई कर दी।
पुलिस हमें परेशान कर रही थी
पुलिसकर्मी का मेडिकल कराया जा रहा है। उधर, हंगामे के बाद विनेश फोगाट ने कहा कि यदि इस प्रकार की दुर्दशा हैं तो देश का कोई भी खिलाड़ी मेडल न लाए। इस दौरान विनेश और सुनीता फोगाट भावुक भी हो गईं। गीता फोगाट ने ट्वीट किया कि जंतर-मंतर पर पुलिस के हमले में उनके भाई का सिर फूट गया। पुलिस हमें परेशान कर रही थी और महिला पुलिस एक ओर खड़ी थी।
हलफनामा देंगी महिला पहलवान, सुप्रीम कोर्ट से मांगी अनुमति
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली सात महिला पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट से सीलबंद कवर में हलफनामा दाखिल करने की अनुमति मांगी है। दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को बृजभूषण के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थी। महिला पहलवानों की मांग पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा।
सीलबंद कवर में हलफनामा दाखिल
महिला पहलवानों के वकील ने बुधवार को सीजेआइ डीवाई चंद्रचूड़ व जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के सामने मामले का उल्लेख किया और कहा कि वे न्यायालय के सामने सीलबंद कवर में हलफनामा दाखिल करने की अनुमति चाहते हैं। कहा, हलफनामे की प्रति सालिसिटर जनरल को देने में उन्हें एतराज नहीं है, लेकिन यह सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए। पीठ ने इसकी अनुमति दे दी। हलफनामे की एक प्रति सालिसिटर जनरल तुषार मेहता को दी जाएगी। मेहता ने कहा कि मामले की जांच जारी है तो याचिकाकर्ताओं को यह सामग्री जांच अधिकारी को भी देनी चाहिए। जब मेहता ने इसकी अनुमति मांगी तो न्यायालय ने कहा-ठीक है।
पहलवानों और कुश्ती महासंघ के विवाद से टीमों के चयन पर संकट
भारतीय कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच चल रहे विवाद के कारण अखाड़े में हाथ मिलाने की तैयारी कर रहे पहलवान बाहर बैठे हाथ मल रहे हैं। गोंडा के नंदिनीनगर में पहलवान कैडेट से लेकर सीनियर एशियन चैंपियनशिप की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन विवादों के चलते उन्हें अखाड़े में उतरने का मौका नहीं मिल रहा।
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद भी दिल्ली में पहलवानों का धरना जारी है। वहीं जून व जुलाई में जार्डन व किर्गिस्तान में आयोजित होने वाली अंडर 15 कैडेट और जूनियर एशियन चैंपियनशिप के लिए कैंप शुरू न होने से पहलवान तैयारी नहीं पा रहे हैं। विवादों की कुश्ती के कारण एशियन चैंपियनशिप पर संकट मंडराने लगा हैं।
नंदिनीनगर कुश्ती प्रशिक्षण केंद्र के कोच प्रेम चंद्र यादव व सुभाष चंद भारद्वाज के मुताबिक चार माह में अंडर-23 सीनियर नेशनल चैंपियनशिप, ग्रांडपिक्स टूर्नांमेंट सीनियर, जूनियर, कैडेट, ओपेन रेकिंग सीरीज, नेशनल चैंपियनशिप नहीं हो सकी। जून व जुलाई में किर्गिस्तान में एशियन चैंपियनशिप का आयोजन होना है। इसके लिए अप्रैल से तैयारी शुरू होनी थी, जो नहीं हो सकी।
मई व जून में अंडर 20, अंडर 15, फ्री स्टाइल, ग्रीकोरोमन स्टाइल, राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप पुणे में होनी है। बृजभूषण ने कहा कि वह पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें फांसी दे दो, लेकिन खेल मत रोको। बावजूद इसके खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जार्डन व किर्गिस्तान में एशियन चैंपियनशिप होनी है। इसके लिए अभी तक पहलवानों का चयन तक नहीं हो सका है।