लंदन:घरेलू हिंसा दुनिया के हर समाज में मौजूद है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि जो महिलाएं घरेलू हिंसा या दुर्व्यवहार झेल रही हैं, वह सांस (अस्थमा) और त्वचा रोगी बनती जा रही हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, ऐसी महिलाओं में अस्थमा सहित एटोपिक रोगों के विकास का उच्च जोखिम बना हुआ है। यह निष्कर्ष बर्मिंघम विश्वविद्यालय ने तीन महीने तक किए गए शोध में पाया है। अध्ययन को जर्नल ऑफ एलर्जी एंड क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित किया गया है।
अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने रोगियों के विश्लेषण में पाया कि महिलाओं का एक बड़ा प्रतिशत वो था, जिनको एटोपिक रोग (अस्थमा संबंधी) थे। यह सभी अपनी पिछली जिंदगी में घरेलू दुर्व्यवहार और हिंसा की शिकार रही थीं। इस बारे में बर्मिंघम विश्वविद्यालय के डॉ. जोहत सिंह चंदन ने कहा, नतीजे बताते हैं कि घरेलू हिंसा और दुर्व्यवहार की पीड़ित महिलाओं में एटोपिक बीमारियों के विकास का जोखिम 52 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। अध्ययन में 14 हजार महिलाओं पर शोध किया गया।
वैश्विक मुद्दा है घरेलू दुर्व्यवहार-
डॉ. चंदन ने कहा, घरेलू हिंसा एक वैश्विक मुद्दा है। हम घरेलू हिंसा के स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में अपनी समझ को और गहरा करना चाहते हैं, इसलिए साक्ष्य-आधारित सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों को न केवल घरेलू हिंसा को संबोधित करने के लिए विकसित किया जा सकता है, बल्कि एटोपिक रोगों पर भी ध्यान दिया जा सकता है।
घरेलू दुर्व्यवहार के प्रमुख कारण-
-प्राप्त दहेज से असंतुष्टि
– साथी से बहस करना
-बच्चों की उपेक्षा करना
– साथी को बताए बिना घर से बाहर जाना
-स्वादिष्ट खाना न बनाना
– ससुराल वालों की देखभाल न करना
भारत में स्थिति-
यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड रिपोर्ट के अनुसार, लगभग दो-तिहाई विवाहित भारतीय महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हैं। इसके अलावा,भारत में 15 से 49 आयुवर्ग की 70 प्रतिशत विवाहित महिलाएं पिटाई, दुष्कर्म, दुर्व्यवहार और यौन शोषण का शिकार हैं।
ऐसे जुटाए गए आंकड़े-
ब्रिटेन में अध्ययन के दौरान टीम ने वयस्क महिलाओं (18 वर्ष और उससे अधिक आयु) के साथ हुई घरेलू हिंसा को देखा। उन्होंने इसकी तुलना 18 वर्ष से अधिक उम्र की दूसरी महिलाओं से की, जिनके साथ हिंसा नहीं हुई थी। वहीं जिन जिन महिलाओं में एटोपिक रोग पहले से थे, उनको अध्ययन से बाहर रखा गया। अध्ययन में कुल 13,852 महिलाओं की घरेलू हिंसा के संपर्क में आने के रूप में पहचान की गई और बिना हिंसा की शिकार 49,036 महिलाओं से उनका मिलान किया गया। अध्ययन के दौरान, 13,852 महिलाओं में से 967 (लगभग 20.1 प्रतिशत) में एटोपिक रोग पाया गया।
क्या है घरेलू हिंसा-
घरेलू हिंसा अर्थात् कोई भी ऐसा कार्य जो किसी महिला एवं बच्चे (18 वर्ष से कम आयु के बालक एवं बालिका) के स्वास्थ्य, सुरक्षा, जीवन पर संकट, आर्थिक क्षति और ऐसी क्षति जो असहनीय हो, जिससे महिला व बच्चे को दुख और अपमान सहन करना पड़े, इन सभी को घरेलू हिंसा के दायरे में शामिल किया जाता है।