कराची:पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों ने इस साल के एशिया कप को श्रीलंका में शिफ्ट करने का विरोध किया है। अधिकारियों का कहना है कि एशियन क्रिकेट काउंसिल ने अगर उनके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया तो वे इस एशियाई टूर्नामेंट का बहिष्कार करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। पीसीबी के प्रमुख नजम सेठी ने मंगलवार को दुबई में एसीसी के अधिकारियों से मुलाकात की और एशिया कप को संयुक्त अरब अमीरात में करने के बजाय श्रीलंका में शिफ्ट करने के कदम पर आपत्ति जताई।
पीसीबी के एक विश्वसनीय सूत्र ने बताया, “सेठी ने इस बात पर जोर देकर कहा है कि एसीसी को एशिया कप 2023 के लिए पाकिस्तान के संशोधित हाइब्रिड मॉडल प्रपोजल को स्वीकार करना चाहिए और अगर अधिकांश सदस्य इसे कहीं और आयोजित करना चाहते हैं तो इसे 2018 और 2022 की तरह संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित किया जाना चाहिए।” सूत्र ने आगे यह भी बताया है कि सेठी ने बीसीसीआई की उस चिंता के बारे में भी एसीसी को बताया है, जिसमें बीसीसीआई ने यूएई की गर्मी का जिक्र किया है।
सूत्र ने बताया, “बीसीसीआई ने एसीसी को बताया है कि सितंबर में यूएई में खेलना बहुत गर्म होगा, लेकिन सेठी ने कहा है कि यह आज इस बात को कह रहे हैं, जो सितंबर से नवंबर 2020 में यूएई में अपना आईपीएल आयोजित करा चुके हैं। ऐसे में, मैं आपको इतना बता सकता हूं कि सेठी ने एसीसी को एक नया हाइब्रिड मॉडल शेड्यूल दिया है और यह एक ऐसा प्रस्ताव है, जिसे उन्हें अब अस्वीकार नहीं करना चाहिए।” पीसीबी इस बात से भी हैरान है कि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड पीछे से बीसीसीआई को सपोर्ट कर रहा है।
पीसीबी से जुड़े सूत्र ने बताया, “यह एक आश्चर्य बात है, क्योंकि इससे पहले फरवरी में पिछली एसीसी बोर्ड की बैठक में, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान ने लंका के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था और यह सहमति हुई थी कि पाकिस्तान मेजबान बना रहेगा।” दुबई रवाना होने से पहले पीसीबी चेयरमैन नजम सेठी ने अपने अधिकारियों से कहा था कि अगर महाद्वीपीय टूर्नामेंट देश में नहीं होता है तो एशिया कप विंडो में इस साल पाकिस्तान में 3 से 4 देशों का आयोजन करने के लिए काम करना शुरू कर दें।
पाकिस्तान ने किया बहिष्कार तो…
अगर पाकिस्तान ने एशिया कप 2023 का बहिष्कार तो फिर यूएई की टीम टूर्नामेंट खेलते हुई नजर आ सकती है। इस तरह भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, नेपाल और यूएई की टीम एशियाई टूर्नामेंट का हिस्सा होंगी। पाकिस्तान को एक और नुकसान यह भी होगा कि टीम को एसीसी से मिलने वाली कमाई का हिस्सा भी नहीं मिलेगा। हालांकि, पाकिस्तान इस बीच एक त्रिकोणीय सीरीज की प्लानिंग कर रहा है।