पड़ोस के पूर्व सिलेक्टेड प्रधानमंत्री इमरान खान को ९ मई ,मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे इस्लामाबाद हाईकोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी गिरफ्तारी पाकिस्तानी रेंजर्स ने की है। इमरान खान 2 केसेस में जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचे थे। इमरान ने कल लाहौर से पेशी के लिए इस्लामाबाद रवाना होने से पहले कार से वीडियो मैसेज जारी किया। कहा- फौज कान खोलकर सुन ले। मैं डरने वाला नहीं हूं और न पाकिस्तान छोड़कर जाऊंगा। इसके करीब 4 घंटे बाद ही इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बायोमेट्रिक रूम से शीशे तोड़कर गिरफ्तार कर लिया गया। पडोसी देश की सेना ने स्पष्ट संदेश दे दिया कि वहा राजनीती से अलग है पर राजनीती वही करेंगे और किसी को गलतफहमी होगी तो उतार भी देंगे। वैसे पड़ोस के लिए कोई गलत या नयी बात भी नहीं है है वह यही होता रहता है।
इससे पहले भी पड़ोस में समय-समय पर पूर्व प्रधानमंत्रियों पर यह गाज गिरी है। हुसैन शहीद सुहरावर्दी :- पाकिस्तान के कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना के करीबियों में शामिल रहे हुसैन शहीद मुल्क के पांचवें प्रधानमंत्री थे। वह सितंबर 1956 से अक्टूबर 1957 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने जनरल अयूब खान की सरकार का समर्थन करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्हें इलेक्टिव बॉडीज डिस्क्वालिफिकेशन ऑर्डर (Ebdo) के जरिए राजनीति से प्रतिबंधित कर दिया गया। लेकिन बाद में जुलाई 1960 में कानून के उल्लंघन का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें गिरफ्तार कर बिना किसी ट्रायल के कराची की सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया था।
जुल्फिकार अली भुट्टो:-जुल्फिकार अली भुट्टो अगस्त 1973 से जुलाई 1977 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद पर रहे। उन्हें 1974 में एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में सिंतबर 1977 में गिरफ्तार किया गया था। बाद में लाहौर हाईकोर्ट के जस्टिस ख्वाजा मोहम्मद अहमद सामदानी ने उन्हें यह कहकर रिहा कर दिया कि उनकी गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं है। लेकिन मार्शल लॉ रेगुलेशन 12 के तहत उन्हें तीन दिन बाद दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें 4 अप्रैल 1979 को फांसी की सजा दे दी गई। बेनजीर भुट्टो:-बेनजीर भुट्टो दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनी। वह पहली बार दिसंबर 1988 से अगस्त 1990 तक और दोबारा अक्टूबर 1993 से नवंबर 1996 तक देश की वजीर-ए-आजम रहीं. वह अपने भाई के जनाजे में हिस्सा लेने के लिए अगस्त 1985 में पाकिस्तान आई थीं।लेकिन उन्हें 90 दिनों के लिए नजरबंद कर लिया गया था। उन्हें अगले साल 1986 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कराची में एक रैली में सरकार की आलोचना करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री को 1999 में भ्रष्टाचार के आरोप में पांच साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद वह सात साल निर्वासन में रहीं। लेकिन 2007 में वतन वापसी के बाद आत्मघाती हमले में उनकी हत्या कर दी गई थी।
यूसुफ रजा गिलानी:-यूसुफ रजा गिलानी 2008 में गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री थे। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में अरेस्ट वॉरंट जारी किया गया था। उन पर फर्जी कंपनियों के नाम पर पैसों के लेनदेन का आरोप लगा था. 2012 में उन्हें पद से हटाना पड़ा था।
नवाज शरीफ:-नवाज शरीफ को 1999 में कारगिल युद्ध के बाद सत्ता गंवानी पड़ी थी।वह तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने। परवेज मुशर्रफ सरकार के दौरान नवाज शरीफ दस सालों के लिए निर्वासन में जाने को मजबूर हुए। पाकिस्तान लौटने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उनके निर्वासन की बाकी बची अवधि पूरी करने के लिए उन्हें सऊदी अरब भेज दिया गया। शाहिद खाकान अब्बासी:-शाहीद खाकान अब्बासी जनवरी 2017 से मई 2018 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे हैं। उन्हें जुलाई 2019 में एनएबी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया था। उनपर 2013 के एलएनजी के इम्पोर्ट कॉन्ट्रैक्ट में भ्रष्टाचार करने का आरोप था। जिस समय ये कॉन्ट्रैक्ट दिए गए थे, तब अब्बासी पेट्रोलियम मंत्री थे। उन्हें फरवरी 2020 में जमानत मिली थी।
साहसी व पराक्रमी सेना जिसने कभी कोई युद्ध नहीं जीती पर घुटने टेकने और हार स्वीकार करने में निपुण है फिर भी ७५ वर्षो में ७ प्रधानमंत्रियों को जेल भेजा और ७५ वर्ष राज किया ३३ सीधे और बाकी ४२ वर्ष सिलेक्टेड पप्पूओ द्वारा।