धनबाद:धोखाधड़ी के एक मामले में छत्तीसगढ़ राजनादगाव जिले की पुलिस बैंक मोड़ धोवाटांड़ निवासी दीपेश ठक्कर की तलाश में धनबाद पहुंची। दीपेश के खिलाफ राजनादगाव कोर्ट से गैर जमानतीय वारंट जारी है। पुलिस ने दीपेश को 41ए का नोटिस देकर जवाब तलब किया। 25 अप्रैल तक उन्हें जवाब देने का आदेश दिया गया है।
दीपेश जीतेंद्र ठक्कर के खिलाफ राजनादगाव के अजय गनात्रा ने स्थानीय थाना में धोखाधड़ी कर 48 लाख 30 हजार 667 रुपए का चूना लगाने की प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस इस मामले में न्यायालय से गैर जमानतीय वारंट लेकर दीपेश की तलाश में धनबाद पहुंची थी। राजनादगाव की पुलिस सरायढेला पुलिस के साथ दीपेश ठक्कर के मोबाइल लोकेशन के आधार पर बलियापुर में एक रेसिडेंशियल प्रोजेक्ट स्थल पर पहुंची। पुलिस ठक्कर को गिरफ्तार करने आई थी, लेकिन 41ए के नोटिस का तामिला नहीं किया गया था, इसलिए नोटिस थमा कर छत्तीसगढ़ पुलिस वापस लौट गई। 25 अप्रैल तक उन्हें जवाब देने को कहा गया है।
अजय गनात्रा ने प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी जागृति गनात्रा के नाम पर उनकी जलाराम इंफोटेक कंपनी चलती है। वर्ल्डवीज कंपनी इंडिया की ओर से उनकी पत्नी के फर्म जलाराम इंफोटेक को पूरे छत्तीसगढ़ में एंटी वायरस किट का सुपर स्टॉकिस्ट बनाया गया था। दीपेश ठक्कर के अलावा पुणे के अभिजीत खोट और अमोल जाधव वर्ल्डवीज कंपनी के डायरेक्टर हैं। 2019 के अप्रैल में वर्ल्डवीज कंपनी ने ऑफर दिया कि 40 लाख से अधिक की एंटी वायरस किट का ऑर्डर देने पर 50 लाख रुपए का एडिशनल क्रेडिट और विज्ञापन के खर्च के रूप में पांच लाख रुपए का सामान दिया जाएगा। जलाराम इंफोटेक ने 40 लाख 60 हजार 786 रुपए का अग्रिम ऑर्डर दिया। अब तक न तो अग्रिम राशि लौटाई जा रही है और न ही एंटी वायरस किट या ऑफर किए गए उपहार ही दिए जा रहे हैं। और तो और कंपनी की सात लाख 69 हजार 881 रुपए की जमानत राशि भी अपने खाते में डाल ली गई है।