साहिबगंज:मंडल कारा में बंद एक महिला बंदी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। जेल प्रशासन ने बीमारी का इंजेक्शन लेने के बाद महिला के शरीर में रियेक्शन होने से तबीयत बिगड़ने से मौत होने की बात कही है। उधर, मृतका की बेटी का आरोप है कि जेल के अंदर ही साजिश रचकर सच्चाई को छुपाने के लिए उसकी मां को मार डाला गया है। उसकी मां बिल्कुल स्वास्थ थी। शाम सात बजे किसी ने उसे घटना की जानकारी दी। इसके बाद वह परिजन के साथ अस्पताल पहुंची तो तबतक उसकी मां की मौत हो चुकी थी। हालांकि जेल प्रशासन या संबंधित थाना पुलिस ने उसे मां के बीमार होने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जिरवाबाड़ी ओपी पुलिस देह व्यापार के मामले में लोहंडा से दो अन्य महिला व एक युवती के साथ मिर्जाचौकी थाना क्षेत्र की इस महिला को गिरफ्तार कर बीते एक अप्रैल को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। वह पिछले 22 दिनों से मंडल कारा में बंद थी। शनिवार की शाम को अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी। सदर अस्पताल ले जाने के क्रम में उसने दम तोड़ दिया।
सदर अस्पताल में तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट कार्यपालक दंडाधिकारी सबिता सिंह की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम किया। मेडिकल बोर्ड में सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. मोहन मूर्मू, डॉ. कुलदीप व डॉ. पूनम कुमारी थीं।
जेल अधीक्षक संजय कुमार ने बताया कि महिला कैदी के शरीर में इंफेक्शन की कुछ समस्या थी। इसके इलाज के लिए वह नियमित रूप से दवा ले रही थी। कल जेल के डॉक्टर से बात कर उसे कम्पाउंडर ने इंजेक्शन दिया था। हालांकि सुई लेने के बाद शरीर में रियेक्शन हो जाने जाने से संभवत महिला बंदी की तबीयत शाम को अचानक ज्यादा खराब हो गई। बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई।
जिरवाबाड़ी ओपी प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि इस मामले में यूडी केस दर्ज कर मामले की छानबीन की जा रही है। उनके मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मामले की सही जानकारी मिल सकेगी।