गडकरी ने कहा कि उन्होंने पिछला चुनाव बहुत कठिन निर्वाचन क्षेत्र (नागपुर) से लड़ा था। तब लोगों ने उन्हें वहां से चुनाव नहीं लड़ने की सलाह दी थी, लेकिन वह दृढ़ संकल्प होकर साथ आगे बढ़े और जीत हासिल की। उन्होंने कहा, “अब मैंने फैसला किया है कि अगले चुनाव में मैं कोई पोस्टर-बैनर नहीं लगाऊंगा। मैं किसी को चाय भी नहीं पिलाऊंगा या कुछ भी इस तरह का काम नहीं करूंगा। जो लोग मुझे वोट देना चाहते हैं, वे ऐसा करेंगे और जो नहीं देना चाहते हैं, वे नहीं करेंगे।”
केंद्रीय मंत्री ने विश्वास जताया कि वह पिछली बार की तुलना में और बड़े अंतर से चुनाव जीतेंगे। उन्होंने कहा कि पिछली बार वह 3.5 लाख वोटों के अंतर से जीते थे।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि “सेवा की राजनीति” की अवधारणा आरएसएस के विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा लाई गई थी, और उन्होंने इस अवधारणा पर अपनी राजनीति को परिभाषित किया था। उन्होंने कहा कि उपाध्याय ने भाजपा को राष्ट्रवाद की विचारधारा दी जो पार्टी की आत्मा है।गडकरी ने कहा, “राष्ट्र सर्वोपरि है। हमें देश के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम करना है।”
गडकरी ने कहा, “सुशासन और विकास हमारा मिशन है। उपाध्याय ने अंत्योदय की अवधारणा दी जिसका अर्थ है विकास को अंतिम व्यक्ति तक ले जाना। हमारा उद्देश्य उन लोगों को भोजन, आश्रय, वस्त्र प्रदान करना है जो सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से हाशिए पर हैं। जब हम ऐसा करने में सक्षम होंगे, तो हमारा मिशन पूरा हो जाएगा।”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में भैरों सिंह शेखावत ने दीनदयाल उपाध्याय की अवधारणा को अपने हाथों में लिया और राजस्थान में काम के बदले अनाज योजना के माध्यम से इसे जमीन पर उतारा,जिसके लिए विश्व बैंक ने उनकी प्रशंसा की थी।
गडकरी ने कहा कि आज जरूरत है कि गांवों का विकास किया जाए और स्मार्ट गांव बनाए जाएं, जहां शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हों, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित हों और किसानों को कृषि से लाभ मिले। उन्होंने कहा कि दिल्ली-जयपुर इलेक्ट्रिक हाईवे पर काम चल रहा है और जब इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी, तो टिकट की कीमत (वर्तमान) किराए से 30 रुपये कम होगी। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राजस्थान में विपक्ष के नेता (LoP) राजेंद्र राठौर, विपक्ष के उपनेता सतीश पूनिया और अन्य भाजपा नेता भी मौजूद थे।