नई दिल्ली:विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने रूस-यूक्रेन मसले पर भारत को घसीटे जाने पर एक बार फिर सुना दिया है। विदेश मंत्रालय के रायसीना डायलॉग कार्यक्रम में उन्होंने एक बार फिर साफ किया कि यूक्रेन संघर्ष में भारत की स्थिति साफ है। हम लड़ाई की तत्काल समाप्ति चाहते हैं और कूटनीति के जरिए बातचीत पर जोर देते हैं। हम देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की आवश्यकता पर भी जोर देते हैं।
नॉर्वे की विदेश मंत्री एनिकेन हुइटफेल्ड के एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि रूस हमसे जितना संपर्क में है, उससे कहीं अधिक यूरोप के देशों से संपर्क में है। जहां तक लोकतांत्रिक दुहाई कि बात है तो अफगानिस्तान में पिछले साल जो भी हुआ, उसे सभी लोकतांत्रिक देश देखते रहे। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे लिए जो चुनौतियां हैं, उस पर कोई लोकतांत्रिक देश कहां एक्शन लेते हैं?
जयशंकर ने आगे कहा कि जब एशिया में नियम-आधारित व्यवस्था को चुनौती दी जा रही थी, तो हमें यूरोप से सलाह मिली कि अधिक व्यापार करो। कम से कम हम आपको वह सलाह तो नहीं दे रहे…हमें कूटनीति और संवाद पर लौटने का रास्ता खोजना चाहिए। अफगानिस्तान को देखिए और कृपया मुझे बताइए कि कौन सा न्यायोचित नियम आधारित व्यवस्था दुनिया के देशों की तरफ से अपनाई गई।
चीन और पाकिस्तान के संदर्भ में जयशंकर ने कहा कि एशिया के कुछ हिस्से ऐसे हैं जहां सीमाएं तय नहीं हुई हैं और देश द्वारा आतंकवाद प्रायोजित किया जता है। उन्होंने कहा कि दुनिया के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि एशिया में नियम-आधारित व्यवस्था एक दशक से अधिक समय से तनाव में है।