नौसेना के टॉप ब्रास को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, भारतीय नौसेना को हर क्षण तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश रक्षा उपकरण निर्माण के मामले में आत्मनिर्भर होने की ओर कदम बढ़ा चुका है और आने वाले समय में यही हमारी सबसे बड़ी शक्ति होगी।
बता दें कि यूक्रेन संकट के बीच जब रूस पर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों प्रतिबंध लगा दिए हैं। ऐसे समये में रक्षा मंत्री का यह बयान बेहद अहम हो जाता है। वहीं यूक्रेन भी लगातार नाटो से मदद की आस लगाए बैठा है। वर्तमान भूराजनीतिक परिस्थिति आत्मनिर्भर होने का संदेश दे रही है।
इससे पहले वायुसेना प्रमुख ने भी यही बात कही थी कि हमें सैन्य क्षमताओं को बढ़ाना चाहिए और किसी भी आपात स्थिति से तत्काल निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल होने वाले तेज गति के हथियारों को लेकर भी आशंका जताई थी। वायुसेना प्रमुख ने कहा था कि तत्काल पूरी ताकत से कार्रवाई करने के लिए सेना को हर क्षण तैयार रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री ने कहा, भारतीय नौसेना आत्मनिर्भर भारत के कदम में सबसे आगे है। राष्ट्र की समृद्धि, समुद्री व्यापार और सुरक्षा के क्षेत्र में मजबूत बने रहने के लिए निरंतर प्रयास की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नौसेना ने कैपिटल बजट का 64 फीसदी पुनर्निवेश किया है।
उन्होंने कहा, खुशी की बात है कि जिन 41 शिप और सबमरीन का ऑर्डर दिया गया था उनमें से 39 भारती शिपयार्ड में ही तैयार हो रही हैं। इस मामले में नेवी सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा कि मैरीटाइम थिएटर कमांड के क्षेत्र में भी काफी अध्ययन किया गया है।