आपकी उम्र 60 साल हो या 6 साल, व्यक्ति हर उम्र में महकता हुआ रहना चाहता है। उनकी इस जरूरत को बाजार में मिलने वाले अलग-अलग फ्रेगरेंस के परफ्यूम और डिओडोरेंट पूरा करते हैं। आज डिओडोरेंट लोगों के लिए शौक से ज्यादा जरूरत बन गया है। तेज धूप और गर्मी की वजह से शरीर से आने वाली पसीने की बदबू को दूर करने के साथ डिओडोरेंट आपको फ्रेशनेस का भी अहसास करवाता है। बावजूद इसके क्या आप यह बात जानते हैं कि बच्चों के लिए इसका यूज कितना हानिकारक हो सकता है। बच्चों के लिए डिओडोरेंट के नुकसान को देखते हुए ही ज्यादातर डिओडरेंट की बोतलों पर पर keep out of reach of children लिखा रहता है, यानि इसे बच्चे की पहुंच से दूर रखें।
एक हालिया अध्ययन में इस बात का पता चला है कि बच्चों को लगने वाली 12.7 प्रतिशत चोटें वास्तव में डिओडोरेंट जैसे सुगंध वाले उत्पादों के कारण होती हैं। ब्रिटेन में एयरोसोल डिओडोरेंट सूंघने के बाद एक 14 साल की बच्ची की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थी। उस बच्ची की मौत के बाद उसके पेरेंटस ने लोगों को डिओडोरेंट से होने वाले नुकसान के प्रति आगाह भी किया। ऐसे में आइए जानते हैं बच्चों के लिए आखिर क्यों डिओडरेंट का इस्तेमाल सुरक्षित नहीं है।
क्या काम करता है डिओडरेंट-
दरअसल, डिओडरेंट का यूज पसीने की बदबू से बचने के साथ फ्रेश फील करने के लिए किया जाता है। लेकिन बच्चों के शरीर को इसका इस्तेमाल नुकसान पहुंचा सकता है। एक्सपर्ट की मानें तो पसीने के जरिए शरीर से बहुत सारे टॉक्सिन बाहर निकलते हैं जिनकी वजह से आपकी सेहत अच्छी बनी रहती है। लेकिन जब कोई बच्चा डिओडरेंट का यूज करता है तो उसका अविकसित शरीर इसकी वजह से कई बार मुश्किलों में पड़ सकता है।
डिओडरेंट में मौजूद हानिकारक तत्व-
एल्युमिनियम-
डिओडरेंट में मौजूद एल्युमिनियम नमक के रूप में आता है, जो बच्चे की त्वचा की उपरी परत पर बैठकर पसीने को रोक देता है। कई रिपोर्टस की मानें तो डिओडरेंट में मौजूद एल्युमिनियम की वजह से शरीर के जीन्स में अस्थिरता आ जाती है। जिसकी वजह से ट्यूमर और कैंसर की कोशिकाओं में वृद्धि होने लगती है।
पैराबैन-
डिओडरेंट में पैराबैन का भी उपयोग किया जाता है, जिसका काम शरीर को बैक्टीरिया से बचाना है। लेकिन शरीर में पहुंचते ही ये कैंसर सेल्स को बढ़ावा देने लगता है। आमतौर पर अंडर आर्म्स वाली जगह गर्म रहने की वजह से वहां खतरा काफी ज्यादा होता है।
ट्राइक्लोसैन
कई डिओडरेंट में ट्राइक्लोसैन का इस्तेमाल होता है। ट्राइक्लोसैन हार्मोन एक्टिविटी में रुकावट पैदा कर सकता है और थायरॉयड के फंक्शन को भी प्रभावित करता है।
बच्चों के लिए डिओडोरेंट-
ऐसे बच्चे जिन्हें डिओडरेंट को स्प्रे करने का सही तरीका नहीं मालूम होता है, उन्हें एयरोसोल स्प्रे के संपर्क में आने से बचाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत ज्यादा एयरोसोल डिओडोरेंट सूंघने से श्वांस संबंधी परेशानियां हो सकती है। जिससे उन्हें मतली, उल्टी या दस्त की समस्या भी हो सकती है।