रांची:झारखंड में आज से नई उत्पाद नीति लागू हो गई है। इसके तहत आज से क्यूआर कोड के बगैर शराब की बिक्री नहीं होगी। शराब की हर बोतल पर क्यूआर कोड लगा होगा। इसके पीछे सरकार की योजना यह है कि हर बोतल की बिक्री को ट्रैक किया जा सके ताकि बिक्री में टैक्स की चोरी पर पूरी तरीके से विराम लगाया जा सके।
झारखंड स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से शराब बिक्री होगी। इसके लिए राज्य के सभी पर मंडलों में 1-1 गोदाम खोला जाएगा। फिलहाल 2 गोदाम भी खोले गए हैं और उसी के माध्यम से राज्य के सभी जिलों में शराब की आपूर्ति की जाएगी।
झारखंड में आभी शराब की बिक्री से लगभग अट्ठारह सौ करोड़ राजस्व की प्राप्ति होती है। सरकार की योजना है कि राजस्व को 3000 करोड़ के स्तर पर पहुंचाया जाए। क्यूआर कोड पर शराब की बिक्री से न सिर्फ अवैध कारोबार पर रोक लगेगी बल्कि नकली शराब की बिक्री पर भी लगाम लगाया जा सकेगा।
जानकारी मिली है कि पूरे राज्य में 1564 दुकान खोलने की योजना है। फिलहाल 1100 दुकानें ही खुल पाएंगे।
इधर नई शराब नीति का राज्य में विरोध भी शुरू हो गया है। झारखंड के खुदरा शराब विक्रेता संघ ने नई शराब नीति के कई प्रावधानों पर आपत्ति जताई है। नई शराब नीति पर राज्य में राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा ने इसका यह कहते हुए विरोध किया है कि शराब बिक्री के बहाने चारों ओर लूट की योजना है। भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा है कि खास कंपनियों को लाभ पहुंचाने का काम किया गया है। बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ की कंपनी के साथ टेंडर में सेटिंग की गई है उन्होंने सीएम को पत्र लिखकर अपने आशंका से अवगत कराया है।