श्रीनगर:जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सुरक्षा बलों ने घुसपैठ का प्रयास और हिजबुल मुजाहिदीन की गतिविधियों को फिर शुरू करने की कोशिशों को नाकाम कर दिया है। सेना ने प्रतिबंधित संगठन के एक स्वयंभू डिविजनल कमांडर और उसके अंगरक्षक को सोमवार को मार गिराया। अधिकारियों ने बताया कि हिजबुल कमांडर मुनेसर हुसैन का शव के साथ ही बड़ी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद कर लिया गया है, जबकि उसके अंगरक्षक का शव बरामद नहीं किया जा सका। वह देगवार सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) की दूसरी ओर चला गया था और फिर गिर पड़ा था। उन्होंने बताया कि माना जा रहा है उसकी भी मौत हो गई।
पुंछ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) विनय शर्मा ने कहा, ‘हमें हाल के दिनों में आतंकवादियों के बारे में जानकारी मिली है और हमने एक विशिष्ट अभियान चलाया, जिसमें एक आतंकवादी मारा गया और दूसरा घायल हो गया। हालांकि वह सीमा पार लौटने में कामयाब रहा। हमारे रिकॉर्ड के अनुसार, मारा गया आतंकवादी 1996 से सक्रिय था और हिजबुल मुजाहिदीन का डिविजनल कमांडर था।’ शर्मा के साथ सेना की ’14 महार’ के कमांडिग अधिकारी कर्नल अविजीत सिंह भी थे। शर्मा ने कहा कि हुसैन को आतंकवाद को पुनर्जीवित करने और शांति को भंग करने के इरादे से क्षेत्र में सक्रिय अलग-थलग आतंकवादियों को फिर से संगठित करने का काम सौंपा गया था।
दुश्मन राष्ट्र के नापाक मंसूबे विफल: SSP
एसएसपी ने कहा, ‘उसे ढेर करने से दुश्मन राष्ट्र के नापाक मंसूबों (आतंकवाद को पुनर्जीवित करने और शांति को भंग करने के लिए) को विफल कर दिया गया। हमें लोगों से बहुत समर्थन मिल रहा है और हमें यकीन है कि हम जल्द ही पुंछ को आतंकवाद मुक्त कर देंगे।’ इससे पहले दिन में जम्मू में रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने बताया कि रविवार को देर रात करीब दो बजे गढ़ी बटालियन इलाके में सेना और पुलिस के संयुक्त दल ने दो आतंकवादियों को घुसपैठ की कोशिश करते हुए देखा। उन्होंने कहा, ‘एक आतंकवादी को तुरंत मार गिराया गया, जबकि दूसरे आतंकवादी ने वापस नियंत्रण रेखा (एलओसी) की ओर भागने की कोशिश की। इस दौरान उसने गोलीबारी की और सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में उसे भी गोली लग गई, जिससे उसे जमीन पर गिरते हुए देखा गया।’
मारे गए एक आतंकी का शव बरामद
लेफ्टिनेंट कर्नल बर्तवाल के मुताबिक, देगवार तेरवा में आतंकवादियों की गतिविधि देखी गई थी। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए एक आतंकवादी का शव बरामद कर लिया गया है। पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर उसकी पहचान हुसैन के रूप में की गई है, जो पुंछ के बग्यलादरा गांव का रहने वाला था और हिज्बुल मुजाहिद्दीन का स्वयंभू डिविजनल कमांडर था। बर्तवाल ने कहा, ‘हुसैन 1993 में हथियारों का प्रशिक्षण लेने के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में गया था और तीन साल बाद वापस आया था। 1998 में पीओके लौटने से पहले उसने सुरक्षा बलों पर कई हमलों की साजिश रची थी।’
हुसैन की दो पत्नियां और कई बच्चे
अधिकारी ने बताया कि हुसैन की दो पत्नियां और कई बच्चे हैं। वह पीओके में मौजूद हिज्बुल के सरगना सैयद सलाउद्दीन के करीबी सहयोगी मौलाना दाऊद कश्मीरी का बेहद खास माना जाता था। बर्तवाल ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों पुंछ और राजौरी में संगठन को पुनर्जीवित करने की योजना तैयार की गई है। इसके लिए हाल ही में पाकिस्तान के इस्लामाबाद में हिज्बुल मुजाहिदीन की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। माना जाता है कि हुसैन को उसके अंगरक्षक के साथ पीर-पंजाल पर्वतमाला के दक्षिण में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के एजेंडे के साथ भेजा गया था।’