रांची:झारखंड के कई स्कूलों में दिए जा रहे मिड-डे-मील के सैंपल की जांच पर ही सवाल उठने लगे हैं। स्कूलों में मिड-डे-मील के बने भोजन चावल, दाल, सब्जी और फल का सैंपल एक ही पैकेट में लिया गया, लेकिन जब जांच रिपोर्ट आयी तो स्कूलों को कह दिया गया कि सब्जी की गुणवत्ता खराब है। अब इन स्कूलों से इसके लिए स्पष्टीकरण लिया जा रहा है।
खूंटी, हजारीबाग और रांची जिले के लिए स्कूलों में मिड-डे-मील का सैंपल लिया गया था। 17 फरवरी को खूंटी में, 18 फरवरी को हजारीबाग में और 23 मार्च को रांची जिले के स्कूलों में मिड-डे-मील का सैंपल लिया गया था। इसकी जांच रिपोर्ट में कई स्कूलों में सिर्फ सब्जी की गुणवत्ता मानकों से भी कम पाई गई। ऐसे स्कूलों के बारे में जिलों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके तहत पूछा जा रहा है कि कम गुणवत्ता वाली सब्जी का प्रिप्रेशन क्यों किया जा रहा है। संतोषजनक जवाब नहीं आने पर संबंधित स्कूलों पर कार्रवाई भी की जा सकेगी।
खाना की गुणवत्ता जांच में खानापूर्ति
रांची जिले के चार स्कूलों से मिड-डे-मील का सैंपल लिया गया था। सैंपल लेने वाली टीम ने स्कूलों से एक ही पैकेट में पका हुआ चावल, दाल, सब्जी और फल तक रख लिया था। स्कूलों द्वारा अलग-अलग पैकेट तैयार करने के बाद भी जांच टीम ने अपनी ओर से रखे गए पैकेट में सभी को मिक्स कर लिया था। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि जब चावल, दाल और सब्जी एक साथ मिक्स कर लिए गए तो सिर्फ सब्जी की गुणवत्ता की रिपोर्ट कैसे आ सकती है। प्रश्न यह भी उठ रहा है कि मिड-डे-मील की गुणवत्ता की जांच में कहीं सिर्फ खानापूर्ति तो नहीं की गई। रांची के स्कूलों ने स्पष्टीकरण के जवाब में इसे स्पष्ट भी कर दिया है।
जांच के लिए अलग-अलग लिए जाने चाहिए सैंपल
खाद्य जांच एक्सपर्ट की माने तो किसी भी चीज की क्वालिटी की जांच के लिए अलग-अलग सैंपल लिए जाते हैं। एक साल मिक्स कर जांच करने पर किसी एक चीज की गुणवत्ता के बारे में पता लगाना मुश्किल होता है। जिस तरह भोजन या अन्य वस्तु बनी होती है, उसे जिसे न्यूनतम तापमान में रखा जाता है, उसी में उसकी जांच होती है। इससे उसकी क्वालिटी उसी समय के अनुसार रहती है। मिड-डे-मील की जांच सर्विलेस सैंपल से होती है। इसमें भी एक की जांच होती है और दूसरे को रखना पड़ता है।
रांची के इन स्कूलों से लिये गये थे सैंपल
राजकीय उत्क्रमित उच्च विद्यालय हटिया, राजकीय मध्य विद्यालय बीएमपी डोरंडा, राजकीयकृत इस्माइलिया बालक मध्य विद्यालय डोरंडा और राजकीय प्राथमिक विद्यालय हरिजन बालक डोरंडा।